नोएडा : महिला डॉक्टर ने दो साल में एक ही अस्पताल में 20 से ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांट किए

नोएडा, 13 जुलाई . दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने एक अंतर्राष्ट्रीय किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इसमें शामिल एक महिला डॉक्टर ने महज दो साल के भीतर नोएडा के एक ही अस्पताल में 20 से ज्यादा किडनी ट्रांसप्लांट के ऑपरेशन किए थे.

बताया जा रहा है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में ऐसे छह अस्पताल हैं जो ऑर्गन ट्रांसप्लांट के लिए पंजीकृत हैं. नोएडा का स्वास्थ्य विभाग उन सबके आंकड़े जुटा रहा है. इसे दिल्ली की अपराध शाखा को सौंपा जाएगा. ऐसे में नोएडा में भी कई डॉक्टरों और अधिकारियों पर गाज गिर सकती है.

नोएडा में सेक्टर 62 में फॉर्टिस हॉस्पिटल, सेक्टर 128 में जेपी अस्पताल, ग्रेटर नोएडा में यथार्थ अस्पताल, नोएडा एक्सटेंशन में यथार्थ अस्पताल, नोएडा सेक्टर-26 में अपोलो अस्पताल और सेक्टर 104 में प्राइमा अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण (ऑर्गन ट्रांसप्लांट) होता है.

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, यथार्थ (दोनों शाखाओं) और प्राइमा अस्पताल में अब तक 119 ऑर्गन ट्रांसप्लांट हुए हैं. करीब 12 प्राइमा अस्पताल में और शेष यथार्थ अस्पताल में हुए हैं. इनमें किडनी, लिवर और हृदय प्रत्यारोपण प्रमुख हैं. मरीज के साथ अंगदाता के कार्यालय पहुंचने के बाद जरूरी दस्तावेज की जांच के उपरांत प्रक्रिया पूर्ण करने पर एनओसी दिया जाता है.

इस प्रक्रिया में ट्रांसप्लांट करने वाला डॉक्टर को नहीं आना होता है. इसलिए डॉ. विजया राजकुमारी कार्यालय नहीं आईं. उनके जिले में प्रैक्टिस करने संबंधी दस्तावेज की जांच के बाद कुछ कहा जा सकता है. यथार्थ अस्पताल में जो ट्रांसप्लांट हुए उनमें बांग्लादेश, अफगानिस्तान के अलावा विभिन्न देशों से मरीज और अंगदाता पहुंचे थे.

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, जिले के अस्पतालों में मरीजों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग में पंजीकरण कराना अनिवार्य है. अगर डॉक्टर अस्पताल में प्रैक्टिस करता है तो अस्पताल प्रशासन इस संबंध में शपथ पत्र देता है. डॉ. विजया राजकुमारी के जिले में प्रैक्टिस संबंधी दस्तावेज की जांच के बाद कुछ कहा जा सकता है. अगर महिला डॉक्टर का जिले में पंजीयन नहीं मिलता है तो यह विभाग के साथ अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर सकता है.

पीकेटी/एफजेड/एकेजे