नई दिल्ली, 13 जुलाई . वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत ने असाधारण रूप से लचीलापन दिखाया है. सही मौद्रिक नीति और विवेकपूर्ण नीतिगत फैसलों के कारण देश लगातार विकास की तरफ बढ़ रहा है. शनिवार को इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स की ओर से यह जानकारी दी गई.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ताजा डेटा के मुताबिक, 5 जुलाई को समाप्त हुए हफ्ते में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5.16 अरब डॉलर बढ़कर 657.16 अरब डॉलर हो गया है.
पीएचडी चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के अध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने कहा कि इससे भारत के आर्थिक विकास को काफी सहारा मिलेगा. विदेशी मुद्रा भंडार का बढ़ना दुनिया में भारत के प्रति आकर्षण को बढ़ाएगा और इससे घरेलू ट्रेड और इंडस्ट्री को सहारा मिलेगा.
एक्सपर्ट्स ने कहा कि भारत के पास मौजूद पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार केंद्रीय बैंक को देश की मुद्रा और मौद्रिक नीति को वैश्विक परिस्थितियों के आगे अधिक लचीले तरीके से संभालने में मदद करेगा.
पेस 360 में सह-संस्थापक और चीफ ग्लोबल स्ट्रैटेजिस्ट अमित गोयल ने कहा कि केंद्रीय बैंक मुद्रा में अस्थिरता की जांच करने के लिए अपने विदेशी भंडार का उपयोग कर रहा है.
गोयल ने आगे कहा कि इस साल अब तक एशियाई देशों में रुपये का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा है. आरबीआई की ओर से लगातार रिजर्व बढ़ाया जा रहा है. इससे बाजार में अस्थिरता को रोकने में मदद मिलेगी.
किसी भी देश के लिए विदेशी मुद्रा भंडार काफी महत्वपूर्ण होता है. ये वैश्विक अनिश्चितता की स्थिति में देश की मुद्रा को स्थिर रखने में मदद करता है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में कहा था कि भारत का एक्सटर्नल सेक्टर मजबूत बना हुआ है. केंद्रीय बैंक को विश्वास है कि भारत अपने लिए जरूरी एक्सटर्नल फाइनेंसिंग आसानी से पूरी कर पाएगा.
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