जम्मू कश्मीर : ‘संविधान हत्या दिवस’ के नाम पर भाजपा कर रही सियासत : विपक्ष

जम्मू कश्मीर, 12 जुलाई . केंद्र सरकार ने हर साल 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है. इसे लेकर भारत सरकार की ओर से शुक्रवार को एक अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. वहीं इसे लेकर कांग्रेस समेत जम्मू कश्मीर की क्षेत्रीय पार्टियां भाजपा पर हमलावर हो गई हैं.

कांग्रेस के प्रवक्ता रविंद्र शर्मा ने कहा कि 25 जून 1975 को आपातकाल लागू किया गया था, जिस पर पहले ही खेद व्यक्त किया जा चुका है. इससे किसी को नुकसान नहीं हुआ था. महंगाई काबू हुई थी, लेकिन आज जो माहौल चल रहा है, उससे तो लग रहा है हर दिन इमरजेंसी लगी हुई है.

हर दिन संविधान की हत्या हो रही है. देश में तानाशाही चल रही है. किसी को बोलने की आजादी नहीं है. पार्लियामेंट में 146 सांसदों को निलंबित करके कानून पास किए जाते हैं. उन्होंने लोकतंत्र को खोखला कर दिया है.

उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी ने संविधान को बदलने की बात कही थी. उनके नेताओं ने कहा था कि अगर लोकसभा चुनाव में 400 सीटें आएंगी तो संविधान बदल देंगे. उसके खिलाफ जनता ने इंडिया गठबंधन को वोट किया. भाजपा को 272 सीटें भी नहीं आईं. 50 साल के बाद राजनीतिक तौर पर इस तरह की बात कही जा रही है. यह सिर्फ सियासत के लिए किया जा रहा है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस पार्टी के नेता शेख बशीर ने कहा कि लग रहा है भाजपा के पास मुद्दे खत्म हो गए हैं. इसलिए असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए वो यह सब कर रहे हैं. 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लागू हुआ था. इसके बाद हुए चुनाव में इंदिरा गांधी हार गईं थी. मतलब देश की जनता ने उन्हें इमरजेंसी की सजा दे दी थी.

अब 50 साल बाद गड़े मुर्दे उखाड़ने का क्या मतलब है ? इसका कोई औचित्य नहीं बनता है. भाजपा के पिछले दस साल के कार्यकाल में अघोषित इमरजेंसी लगी है. भाजपा ने बहुमत के दम पर कई ऐसे फैसले लिए, जो इमरजेंसी से कम नहीं थे. इसलिए लोगों ने इस बार लोकसभा चुनाव में उन्हें पूर्ण बहुमत नहीं दिया. उन्होंने बैसाखी के सहारे सरकार बनाई है, जो जनता द्वारा दी गई सजा है. मैं चाहता हूं कि सरकार पीछे की तरफ नहीं, बल्कि भविष्य की तरफ देखे.

पीडीपी के प्रवक्ता वीरेंद्र सिंह ने भी भाजपा के इस फैसले को गलत बताया. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के कत्ल करने की कोई भी बात अच्छी नहीं होती है. 25 जून को भाजपा काला दिवस के तौर पर मना रही है, लेकिन यह बताइए कि 5 अगस्त 2019 के बारे में आपका क्या ख्याल है ? आपने जम्मू-कश्मीर को जेल में तब्दील कर दिया. आपने विशेष राज्य के दर्जे को खत्म कर दिया. रियासत को दो हिस्सों में बांट दिया.

देश के संविधान के साथ इतना बड़ा मजाक किया गया. 5 अगस्त 2019 को भी काले दिवस के रूप में मनाया जाए, ताकि आपको पता लगे कि जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ क्या किया है ?

बता दें, केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में लिखा गया है, “25 जून 1975 को आपातकाल की घोषणा की गई थी, उस समय की सरकार ने सत्ता का घोर दुरुपयोग किया था और भारत के लोगों पर ज्यादतियां और अत्याचार किए थे. भारत के लोगों को देश के संविधान और भारत के मजबूत लोकतंत्र पर दृढ़ विश्वास है. इसलिए, भारत सरकार ने आपातकाल की अवधि के दौरान सत्ता के घोर दुरुपयोग का सामना और संघर्ष करने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित किया है और भारत के लोगों को भविष्य में किसी भी तरह से सत्ता के घोर दुरुपयोग का समर्थन नहीं करने के लिए पुनः प्रतिबद्ध किया है.”

एसएम/