फिलीपींस के खिलाफ दक्षिण चीन सागर की पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचाने के अकाट्य सबूत

बीजिंग, 11 जुलाई . हाल ही में चीनी अधिकारियों ने दक्षिण चीन सागर पर दो पर्यावरण रिपोर्ट जारी की, जिनमें खुलासा हुआ कि फिलीपींस के अवैध रूप से ‘समुद्र तट पर बैठे’ युद्धपोत ने रनआईच्याओ के पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाया, जबकि ह्वांगयान द्वीप के समुद्र क्षेत्र में पर्यावरण उच्च गुणवत्ता का बना हुआ है.

दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस के पारिस्थितिक विनाशकारी व्यवहार ने चिंता पैदा कर दी है. रिपोर्ट बताती है कि फिलीपींस का युद्धपोत 25 वर्षों से अवैध रूप से ‘समुद्र तट पर बैठा’ है, जिससे रनआईच्याओ के मूंगा चट्टान पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर नुकसान हुआ है और इसकी विविधता, स्थिरता और स्थायित्व पर गंभीर प्रभाव पड़ा है. इसके बजाय, ह्वांगयान द्वीप चीन के संरक्षण में पारिस्थितिक रूप से समृद्ध हुआ है, जो विश्व प्रसिद्ध ग्रेट बैरियर रीफ की तरह सुंदर दिखता है.

हालांकि, फिलीपींस सही और गलत को लेकर भ्रमित है और चीन पर दक्षिण चीन सागर की पारिस्थितिकी को नष्ट करने का आरोप लगाता है. फिलीपींस की झूठी कहानी उसके उल्लंघनों को नहीं छिपा सकती है और यह केवल उसके तोड़फोड़ करने वालों के असली चेहरे को उजागर करेगी.

दक्षिण चीन सागर में चीन ने पर्यावरण संरक्षण से लेकर वैज्ञानिक अनुसंधान और पारिस्थितिक बहाली करने का प्रयास किया. साथ ही चीन ने एक प्रमुख देश के रूप में अपनी जिम्मेदारी का प्रदर्शन भी किया है. इसके विपरीत, फिलीपींस बार-बार अवैध मछली पकड़ने और पारिस्थितिक विनाश में लगा हुआ है, जिससे दक्षिण चीन सागर पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर नुकसान हो रहा है.

समुद्री पर्यावरण संरक्षण मानव जाति के सामान्य कल्याण से संबंधित है, और दक्षिण चीन सागर मुद्दे को राजनीतिक टकराव के उपकरण के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. फिलीपींस को गहराई से विचार करना चाहिए, अवैध रूप से ‘समुद्र तट पर बैठे’ युद्धपोत को तुरंत वापस लेना चाहिए, प्रदूषण के स्रोतों को खत्म करना चाहिए और संयुक्त रूप से दक्षिण चीन सागर के पारिस्थितिक पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए.

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)