सशस्त्र बलों, एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र के लिए सात नई परियोजनाओं को मंजूरी

नई दिल्ली, 11 जुलाई . सशस्त्र बलों, एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वदेशी उद्योगों की सात नई परियोजनाएं की स्वीकृति प्रदान की गई है. डीआरडीओ ने गुरुवार को यह मंजूरी दी.

इन परियोजनाओं में सेंसर सिमुलेशन टूलकिट, अंडरवाटर लॉन्च्ड अनमैंड एरियल व्हीकल, लंबी रेंज के रीमोटली ऑपरेटेड वाहन, विमानों के लिए आइस डिटेक्शन सेंसर, रडार सिग्नल प्रोसेसर, भारतीय क्षेत्रीय नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम व स्मार्ट ई-टेक्सटाइल शामिल हैं. इसका उद्देश्य रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रों में उद्योगों, विशेष रूप से एमएसएमई और स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करना है.

इससे रक्षा व स्पेस के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को गति भी मिलेगी. डीआरडीओ ने प्रौद्योगिकी विकास निधि योजना के तहत उद्योगों को इन सात नई परियोजनाएं स्वीकृति प्रदान की है. डीआरडीओ का मानना है कि टेक्नोलॉजी के स्वदेशी विकास से सैन्य औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र भी मजबूत होगा. स्वदेशी परिदृश्य और सेंसर सिमुलेशन टूलकिट की इस परियोजना में पायलटों के सिम्युलेटर प्रशिक्षण के लिए एक स्वदेशी टूलकिट का विकास शामिल है. यह वास्तविक परिदृश्य उपलब्ध कराएगा.

इस तकनीक में फोर्स को बड़े पैमाने पर शामिल करने में मदद मिलेगी. वहीं, पानी के अंदर प्रक्षेपित मानव रहित हवाई वाहन परियोजना एक बहुमुखी समुद्री युद्धक्षेत्र सहायक उपकरण से संबंधित है. इसे कई लड़ाकू भूमिकाओं में तैनात किया जा सकता है. इसका उद्देश्य इंटेलिजेंस, निगरानी और टोही (आईएसआर) और समुद्री डोमेन जागरूकता (एमडीए) है. यह परियोजना सागर डिफेंस इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड पुणे को सौंपी गई है.

लंबी रेंज के रीमोटली ऑपरेटेड वाहन की टेक्नोलॉजी लंबी दूरी तक दूर से संचालित वाहन के दोहरे उपयोग वाली प्रणालियां हैं. यह प्रमुख संपत्तियों को संदिग्ध परिचालन क्षेत्र से दूर रखते हुए पानी के नीचे की वस्तुओं का पता लगाने, वर्गीकरण, स्थानीयकरण और उन्हें बेअसर करने में सक्षम बनाएंगी. यह परियोजना एक स्टार्ट-अप, आईआरओवी टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, कोच्चि को प्रदान की गई है.

एक अन्य परियोजना के अंतर्गत विमानों के लिए आइस डिटेक्शन सेंसर का विकास किया जाएगा. इस परियोजना का उद्देश्य उड़ान के दौरान बर्फ की स्थिति का पता लगाना है, जो सुपर ठंडी पानी की बूंदों के कारण होती है. यह विमान की बाहरी सतहों पर प्रभाव के बाद जम जाती है और विमान द्वारा एंटी-आइसिंग तंत्र को चालू करने के लिए उपयोग किया जाता है. इसे क्राफ्टलॉजिक लैब्स प्राइवेट लिमिटेड, बेंगलुरु को प्रदान किया गया है.

सक्रिय एंटीना ऐरे सिम्युलेटर के साथ रडार सिग्नल प्रोसेसर का विकास भी किया जाएगा. यह परियोजना कई छोटी दूरी की हवाई हथियार प्रणाली के परीक्षण और मूल्यांकन के लिए कई लक्ष्य प्रणाली की तैनाती को सक्षम करेगी. यह बड़े रडार सिस्टम के लिए बुनियादी बिल्डिंग ब्लॉक के रूप में कार्य करता है. वहीं, बहुकार्यात्मक पहनने योग्य अनुप्रयोगों के लिए ग्राफीन आधारित स्मार्ट और ई-टेक्सटाइल का विकास भी किया जाएगा.

जीसीबी/एबीएम