नई दिल्ली, 10 जुलाई . भारत में रियल एस्टेट सेक्टर तेजी से उभर रहा है और इसमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 2025 तक बढ़कर 20 प्रतिशत तक पहुंच सकता है. इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स की ओर से बुधवार को यह जानकारी दी गई.
एसोचैम के इवेंट में हरियाणा रेरा के सदस्य संजीव कुमार अरोड़ा ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र सबसे बड़ा रोजगार देने वाले सेक्टर के रूप में उभरा है और तेजी से हो रहे शहरीकरण, स्मार्ट सिटी, सभी के लिए घर और एफडीआई नियमों में ढील से इस क्षेत्र को और बूस्ट मिलेगा.
अरोड़ा ने कहा कि भारत सरकार की ओर से रेरा एक्ट, 2016 में लॉन्च किया गया था. इसका उद्देश्य सेक्टर में नियमित वृद्धि लाने के साथ पारदर्शिता लाना था. इस एक्ट के लागू होने के बाद से अब तक 1.25 लाख प्रोजेक्ट्स पूरे भारत में रेरा के तहत पंजीकृत हो चुके हैं.
सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) के चेयरमैन और एसोचैम में रियल एस्टेट, हाउसिंग और अर्बन डेवलपमेंट के चेयरमैन, प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए हाउसिंग और रियल एस्टेट सेक्टर को सहायता की आवश्यकता है. यह सेक्टर बड़ी संख्या में रोजगार पैदा करता है.
अग्रवाल ने आगे कहा कि हर परिवार को घर और नौकरी देना सरकार का विजन है. ऐसे में रियल एस्टेट सेक्टर की भूमिका अहम हो जाती है. रियल एस्टेट सेक्टर का मार्केट साइज 24 लाख करोड़ रुपये है और देश की जीडीपी में इसका योगदान 13.8 प्रतिशत का है.
सभी को अपना घर देने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत सरकार ने ग्रामीण और शहरी इलाकों में 3 करोड़ घर देने का फैसला किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के इस फैसले पर कहा कि हमारा यह निर्णय देश के हर नागरिक को बेहतर जिंदगी देने की हमारी प्रतिबद्धता को दिखाता है. आगे कहा कि सरकार विकास के साथ सामाजिक कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है.
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एबीएस/