राजस्थान के अलवर में भी है भोलेे बाबा का आश्रम, ग्रामीणों ने किए चौंकाने वाले खुलासे

अलवर, 9 जुलाई . हाथरस में भोले बाबा के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. हादसे के बाद हर तरफ बाबा की चर्चा हो रही है. इसी बीच अब खबर है कि भोले बाबा का एक और आश्रम अलवर जिले के खेरली क्षेत्र के सहजपुरा गांव में है. इस आश्रम को लेकर वहां के लोगों ने कई चौंकाने वाली बातें बताई.

बाबा का यह आलीशान आश्रम करीब डेढ़ बीघा में बना हुआ है. आश्रम में सोफा, बेड, एसी लगे हुए हैं. दर्शन के लिए एक हॉल बना हुआ है, इसमें लोग बाबा का दर्शन करते थे और उनका आशीर्वाद लेते थे. इस आश्रम का निर्माण 2008-2009 में हुआ था. कोरोना काल में बाबा करीब 10 महीने तक इसी आश्रम में रहा था.

आश्रम पर मौजूद बाबा के सेवादार ने बताया कि बाबा 2020 में यहां आये थे और फिर चले गये. बाबा के दर्शन करने काफी संख्या में भक्त यहां आते थे, कभी किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हुई, बाबा यहां कई कार्यक्रम कर चुके हैं. इस दौरान सेवादार ने हाथरस की घटना को एक षडयंत्र बताया. लोगों ने बताया कि आम लोगों को बाबा के सेवादार आश्रम में एंट्री ही नहीं देते थे. स्थानीय लोगों को बाहर से ही भगा दिया जाता था.

जिस जमीन पर आश्रम बना है उसके पुराने मालिक देवी राम ने बताया कि बाबा ने उसके सीधेपन का फायदा उठाते हुए उसकी जमीन ले ली और रजिस्ट्री करा ली. सौदे में जितनी जमीन तय हुई थी, उससे ज्यादा जमीन ले ली गई. उन्होंने कहा कि जिस जमीन पर बाबा के सेवादार का कमरा बना हुआ है, उस जमीन पर बाबा ने जबरन कब्जा किया है.

लोगों ने बताया कि बाबा गाड़ी में बैठकर आता था, उसके साथ 17 से 18 साल की लड़कियां होती थी. बाबा लड़कियों के साथ आश्रम में जाते थे, गांव के लोगों को एंट्री नहीं दी जाती थी. बाबा अंदर क्या करता था, इसका पता नहीं. बाबा के सेवादारों में अधिकतर महिलाएं होती थी. नाम न छापने की शर्त पर गांव के एक व्यक्ति ने बताया कि बाबा सेवादार महिलाओं को बुरी तरह पीटते थे.

ग्रामीणों ने हाथरस कांड को लेकर बाबा को ही जिम्मेदार ठहराया. लोगों ने कहा कि बाबा ने प्रशासन को ग़लत जानकारी दी, इसके चलते यह हादसा हुआ. लोगों ने कहा कि अगर बाबा दोषी नहीं है, तो प्रशासन-पुलिस से बचता हुआ क्यों घूम रहा है. लोगों ने बाबा को दोषी बताते हुए उसको गिरफ्तार करने की मांग की.

स्थानीय ग्रामीण कविता ने बताया कि हमने कभी बाबा के आश्रम में जाकर नहीं देखा. बाबा के आश्रम में हमें प्रवेश नहीं दिया जाता था. आश्रम में अंदर क्या होता था, यह गांव के लोगों के लिए अभी भी रहस्य है.

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