नई दिल्ली, 9 जुलाई . भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी नवीनतम आंकड़ों के अनुसार 2023-24 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में 46.6 मिलियन नई नौकरियां पैदा हुईं.
देश में कार्यरत लोगों की कुल संख्या 2022-23 में 596.7 मिलियन से बढ़कर 31 मार्च 2024 को समाप्त वित्तीय वर्ष में 643.3 मिलियन हो गई.
आंकड़ों से पता चलता है कि जहां 2017-18 से 2021-22 के बीच औसतन 20 मिलियन नौकरियां पैदा हुईं, वहीं 2023-24 के दौरान यह संख्या दोगुनी से अधिक हो गई.
आरबीआई के क्लेम्स डेटा बेस में पूंजी, श्रम, ऊर्जा, सामग्री और सेवाएं जैसे उत्पादन के पांच प्रमुख इनपुट शामिल हैं. इस डेटाबेस को 27 उद्योगों के लिए बनाया गया है, जो कुल मिलाकर छह सेक्टर से तैयार किए गए हैं जो पूरी अर्थव्यवस्था को कवर करते हैं.
आरबीआई ने पहली बार उपलब्ध जानकारी के आधार पर वित्त वर्ष 2024 में कुल अर्थव्यवस्था के लिए उत्पादकता का सहज पूर्वानुमान भी लगाया है.
यह श्रमिकों के शिक्षा स्तर के आधार पर अर्थव्यवस्था में श्रम की गुणवत्ता को दर्शाता है. डेटा शिक्षा स्तर और आयु समूहों में रोजगार की वृद्धि को दर्शाता है. वित्त वर्ष 2014 में बेरोजगारी 2.2 प्रतिशत थी जो वित्त वर्ष 2018 में घटकर 1.4 प्रतिशत हो गई है.
निर्माण को छोड़कर अब सेवा क्षेत्र में अधिकांश कार्यबल काम कर रहा है यानी कृषि में कार्यरत लोगों से यह धीरे-धीरे बाहर जा रहा है. यह 2000-2011 की अवधि के बिल्कुल उलट है क्योंकि तब निर्माण क्षेत्र कार्यबल को बड़ी संख्या में नौकरियां प्रदान कर रहा था.
आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि वित्तीय और व्यावसायिक सेवाओं, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल जैसी उच्च-कुशल गतिविधियों में शिक्षित श्रमिकों की हिस्सेदारी में वृद्धि हुई है.
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