भोपाल, 9 जुलाई . मध्य प्रदेश में अब भाजपा और कांग्रेस की नजर विधानसभा उपचुनाव पर है. राज्य के एक विधानसभा क्षेत्र अमरवाड़ा में बुधवार 10 जुलाई को मतदान है तो वहीं आने वाले समय में तीन क्षेत्रों में उपचुनाव होना तय है.
राज्य में चार विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने वाले हैं. छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में तो बुधवार को मतदान हो रहा है. वहीं तीन अन्य विधानसभा क्षेत्र बुधनी, विजयपुर और बीना में भी उपचुनाव होना लगभग तय है.
बुधनी के विधायक रहे पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा से लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं और वर्तमान में केंद्रीय कृषि मंत्री हैं. इसके अलावा विजयपुर से कांग्रेस विधायक रहे रामनिवास रावत भी विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा की सदस्यता ली थी और अब वह डॉ मोहन यादव सरकार में मंत्री हैं. इसी तरह बीना से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे भी भाजपा की सदस्यता ले चुकी हैं.
राज्य में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के तीन विधायकों ने पाला बदल लिया था और वह भाजपा में शामिल हो गए थे. इन तीन विधायकों के पार्टी छोड़ने से राज्य में कांग्रेस न केवल कमजोर हुई है बल्कि विधानसभा में सदस्यों की संख्या में भी गिरावट आई है.
राज्य की 230 विधानसभा सीटों वाले सदन में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 64 रह गई है. संभावित उपचुनावों को लेकर दोनों ही दलों में उम्मीदवारों की तलाश की कवायद तेज हो गई है, वहीं दावेदारों ने भी जोर लगाना शुरू कर दिया है.
संभावना इस बात की बनी हुई है कि विजयपुर से दल बदल करने वाले रामनिवास रावत को भाजपा उम्मीदवार बनाएगी तो वहीं बीना से निर्मला सप्रे का उम्मीदवार बनना तय है. सबसे ज्यादा जोर आजमाइश बुधनी विधानसभा क्षेत्र के लिए भाजपा में होने वाली है. यह क्षेत्र केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रभाव वाला है और वह लगातार यहां से विधायक रहे और वर्तमान में विदिशा से सांसद हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि विधानसभा के उपचुनाव के नतीजे से भाजपा की सरकार की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला, मगर इन चुनावों के नतीजे कांग्रेस पर जरूर असर डालेंगे. हार और जीत से कांग्रेस के कई नेताओं का भविष्य भी तय होने वाला है. अभी हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है और राज्य की 29 सीटों में से एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई. अब बारी विधानसभा के उपचुनावों की है.
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एसएनपी/