नई दिल्ली, 8 जुलाई . एक अनूठी पहल के तहत दिल्ली के दो गांवों को आईपी यूनिवर्सिटी गोद ले रही है. दक्षिण-पश्चिम दिल्ली में स्थित इन गांवों के नाम पोचनपुर और अंबरही हैं. इन गावों में यूनिवर्सिटी शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण, प्रशिक्षण, जागरूकता, स्किल डेवलपमेंट, स्पोर्ट्स इत्यादि डोमेन की बेहतरी में भूमिका निभाएगी.
यूनिवर्सिटी ने इससे पहले अपनी स्थापना के रजत जयंती वर्ष में इसी क्षेत्र के पच्चीस गांवों को गोद लिया था. यूनिवर्सिटी ने इन दोनों गांवों का बारीकी से मुआयना किया और इनके चतुर्दिक विकास का एक रोडमैप तैयार किया. यूनिवर्सिटी के एक शिष्टमंडल ने दोनों गांवों का दौरा किया और सोमवार को आयोजित कार्यकर्मों में इस आशय का फैसला लिया गया.
यूनिवर्सिटी के कुलपति पद्मश्री प्रो. (डॉ.) महेश वर्मा का कहना है कि विश्वविद्यालय की कुछ सामाजिक जिम्मेदारी भी बनती है, उसी का निर्वहन हम कर रहे हैं. क्लासरूम की दीवारों के परे ग्रामीण समुदायों की दहलीज पर बेहतरी की एक नई इबारत लिखने के लिए हम सब यहां आए हैं. वहीं, पहले जिन 25 गांवों को गोद लिया गया था, वहां तब से लेकर अब तक स्वास्थ्य, शिक्षा, कानूनी जागरूकता, पर्यावरण संरक्षण इत्यादि के कई कैंपेन चलाए गए हैं.
दक्षिण-पश्चिम जिला के उपायुक्त लक्ष्य सिंघल ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में इस जिले में लगभग 200 करोड़ रुपए की तकरीबन 170 परियोजनाओं पर काम चल रहा है.उन्होंने ग्रामीणों को जलसंग्रह करने एवं अतिक्रमण नहीं करने की सलाह दी. इससे पूरे गांव को फायदा होगा.
स्थानीय सांसद कमलजीत सहरावत ने इस अवसर पर गांवों की बेहतरी की दिशा में सरकार एवं यूनिवर्सिटी द्वारा की जा रही पहल की प्रशंसा की. वहीं, गांववालों ने पेयजल, सीवर निकासी, स्ट्रीट लाइट, पक्की सड़कें, सफाई, अतिक्रमण, सुरक्षा इत्यादि समस्याओं पर अधिक ध्यान देने की गुहार लगाई है.
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जीसीबी/एबीएम