शासन में द्विपक्षीय सहयोग पर भारतीय प्रतिनिधिमंडल की श्रीलंका यात्रा

नई दिल्ली, 7 जुलाई . भारत ने श्रीलंकाई लोक सेवा में काम करने वाले कुल 95 अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है. इस सिलसिले को विस्तार देते हुए एक पांच सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल कोलंबो का दौरा कर रहा है. द्विपक्षीय चर्चा के लिए यह दौरा 7 से 9 जुलाई तक होगा.

यात्रा श्रीलंका के विदेश मंत्रालय के निमंत्रण पर आयोजित की जा रही है, जिसका उद्देश्य कार्मिक प्रशासन और शासन में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करना है. गौरतलब है कि राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) ने श्रीलंका के वरिष्ठ और मध्य-स्तर के अधिकारियों के लिए तीन क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए हैं.

इस साल 12-17 फरवरी को एनसीजीजी की पहली यात्रा के दौरान, श्रीलंकाई प्रशासनिक सेवा में काम करने वाले चौदह वरिष्ठ अधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई श्रीलंकाई प्रधानमंत्री के सचिव अनुरा दिसानायके ने की थी. आज की तारीख तक एनसीजीजी ने श्रीलंकाई लोक सेवा में काम करने वाले कुल 95 अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है.

प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के सचिव और राष्ट्रीय सुशासन केंद्र (एनसीजीजी) के महानिदेशक वी. श्रीनिवास की अगुवाई में यह पांच सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल अब श्रीलंका पहुंचा है. यात्रा के दौरान वे श्रीलंका के राष्ट्रपति के सचिव ई.एम.एस.बी. एकनायके, श्रीलंका के प्रधानमंत्री के सचिव अनुरा दिसानायके, प्रांतीय परिषद और आंतरिक मामलों के मंत्रालय के सचिव प्रदीप यासरथने के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे.

भारतीय प्रतिनिधिमंडल श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश चंद्र रूपसिंघे गुणवर्धने से शिष्टाचार भेंट करेगा. श्रीलंकाई प्रशासनिक सेवा में काम करने वाले अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के एक एमओयू पर संभावित हस्ताक्षर शामिल हैं. कार्मिक मंत्रालय के मुताबिक ये चर्चाएं भविष्य के सहयोग के लिए एक रूपरेखा तैयार करने और प्रभावकारी शासन प्रथाओं पर अंतर्दृष्टि का आदान-प्रदान करने पर केंद्रित होंगी.

इस दौरे में श्रीलंकाई लोक सेवा में एनसीजीजी के पूर्व छात्रों के साथ एक संवादात्मक सत्र भी शामिल है. कार्यक्रम में जिला प्रशासन द्वारा एक प्रस्तुति सत्र भी शामिल है, जिसमें संबंधित जिले द्वारा प्रदान की जाने वाली सार्वजनिक सेवाओं का अवलोकन किया जाएगा. जिले के अधिकारियों के साथ प्रतिनिधिमंडल की एक खुली चर्चा भी होगी.

जीसीबी/एबीएम