नई दिल्ली, 7 जुलाई . केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय के सचिव एस कृष्णन ने कहा कि वैश्विक सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में बड़ा खिलाड़ी बनने के लिए भारत के पास टैलेंट और विशेषज्ञता मौजूद है. सरकार भी सेमीकंडक्टर के लिए इकोसिस्टम बनाने में इंडस्ट्री की मदद कर रही है.
आईटी सचिव ने इन बातों का जिक्र फैबलेस सेमीकंडक्टर फर्म आईवीपी की ओर से आयोजित कॉन्फ्रेंस में किया.
वैश्विक कंसल्टिंग फर्म मैकिंसे ने अपने अनुमान में कहा है कि पूरी दुनिया में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्रीज का आकार एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है.
वहीं, इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) का कहना है कि 2030 में भारत में इस सेक्टर का आकार 100 अरब डॉलर के आंकड़े को छू सकता है.
कृष्णन ने कहा, “भारत के लिए सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री काफी महत्वपूर्ण है. देश के पास टैलेंट और विशेषज्ञता मौजूद है, साथ ही इस सेक्टर में एक वैश्विक खिलाड़ी बनने की क्षमता है. सरकार भी सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम बनाने को लेकर इंडस्ट्री की मदद कर रही है.”
कृष्णन ने आगे कहा, “मैं भारतीय फैबलेस चिप कंपनी के निर्माण पर आईवीपी सेमीकंडक्टर को बधाई देता हूं.”
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के बड़े बाजारों में एक है और इस कारण से सेमीकंडक्टर की मांग में भी इजाफा हो रहा है.
टीमलीज डिग्री अप्रेंटिसशिप की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया कि भारत को 2027 तक रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आरएंडडी), डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग और एडवांस पैकेजिंग डोमेन में 2.5 से 3 लाख कुशल पेशेवरों की आवश्यकता होगी.
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एबीएस/एबीएम