नई दिल्ली, 6 जुलाई . जिम्बाब्वे क्रिकेट की एक ऐसी टीम रही है जिसका खेल समय के साथ निखरने की बजाए खराब ज्यादा हुआ है. जिस तरह से इस टीम ने 90 के दशक में अपना क्रिकेट के शिशु की इमेज से बाहर आकर दिग्गज टीमों को टक्कर देनी शुरू की थी उसके हिसाब से आज देखा जाए तो टीम की स्थिति निराशाजनक है. भारतीय क्रिकेट टीम इस समय जिम्बाब्वे में पांच मैचों की टी20 सीरीज खेल रही है. इस मौके पर 90 के दशक की जिम्बाब्वे टीम के उन खिलाड़ियों के बारे में जानेंगे जिन्होंने भारत के खिलाफ बहुत शानदार प्रदर्शन किया.
एंडी फ्लावर ना केवल जिम्बाब्वे के बल्कि दुनिया के बेस्ट विकेटकीपर बल्लेबाजों में एक रहे हैं. दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने भारत के खिलाफ 2436 रन बनाए हैं जिसमें 1138 रन टेस्ट में और 1298 रन वनडे में बने हैं. खास बात ये है कि उस समय टी20 क्रिकेट नहीं होता था. एंडी फ्लावर को आउट करना टीम इंडिया के लिए अक्सर बड़ा सिरदर्द रहता था. उन्होंने अपनी बेस्ट पारी भी भारत के खिलाफ खेली है, तब एंडी फ्लावर ने साल 2000 में नागपुर में 444 गेंदों पर 232 रन बनाए थे.
उस समय की जिम्बाब्वे टीम में फ्लावर बंधुओं का बोलबाला था. एक तरफ एंडी फ्लावर ने भारतीय टीम को परेशान किया तो उनके भाई ग्रांट फ्लावर ने बल्लेबाजी के अलावा गेंदबाजी में भी भारतीय टीम के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया. ग्रांट बाएं हाथ के स्पिनर और दाएं हाथ के बढ़िया बल्लेबाज थे और उन्होंने भारत के खिलाफ 1730 रन बनाने के अलावा 25 विकेट भी हासिल किए.
हीथ स्ट्रीक जिम्बाब्वे के महानतम तेज गेंदबाज और ऑलराउंडर थे. उनकी स्विंग गेंदों का सामना करना तब आला बल्लेबाजों के लिए भी चुनौतीपूर्ण होता था. दाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने भारत के खिलाफ 69 विकेट लेने के अलावा 807 रनों का भी योगदान दिया. एंडी फ्लावर की तरह स्ट्रीक की बेस्ट टेस्ट गेंदबाजी भारत के खिलाफ आई, तब उन्होंने 2005 में 73 रन देकर 6 विकेट लिए थे. हीथ स्ट्रीक अपनी टीम के प्रभावशाली कप्तान भी थे.
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एएस/आरआर