भोपाल, 4 जुलाई . देश में एक जुलाई से तीन नए कानून अमल में लाए गए हैं. इन कानूनों के प्रति आमजन में जागरूकता लाने के लिए मध्य प्रदेश में अभियान जारी है. इस जागरूकता अभियान का असर भी दिख रहा है. नए कानूनों के प्रावधान में तो पीड़ित शिकायत दर्ज करा ही रहे हैं, साथ ही ई-एफआईआर की संख्या भी बढ़ी है.
इतना ही नहीं, नए कानूनों के बाद पहले दिन भोपाल के शहरी और दूसरे दिन उज्जैन में सबसे ज्यादा प्राथमिकी दर्ज की गई.
देशभर में एक जुलाई से भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) लागू हो चुके हैं. इन कानूनों के प्रति मध्य प्रदेश में आमजन को जागरूक किया जा रहा है. पीड़ित पक्ष द्वारा इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन का उपयोग भी किया जा रहा है.
कानून लागू होने के बाद के दो दिन पर गौर किया जाए तो ई-एफआईआर की संख्या में वृद्धि हुई है. पूरे मध्य प्रदेश में दो दिन के भीतर 98 ई-एफआईआर दर्ज की गई हैं.
सीसीटीएनएस के मुताबिक, एक जुलाई को 53 और दो जुलाई को 45 एफआईआर दर्ज की गई. नए कानून लागू होने के पहले प्रदेश भर में औसतन 10 ई-एफआईआर दर्ज की जाती थी. प्रदेश के सभी जिलों में नवाचार कर लोगों को उनके अधिकारों और कानूनों के बारे में बताया जा रहा है. न्यायाधीशों, पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों, अधिवक्ताओं, स्वयंसेवी संस्थाओं और जन भागीदारी से समाज के प्रत्येक नागरिक को जागरूक किया जा रहा है. विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को उनके लिए बनाए गए कानूनों के बारे में बताया जा रहा है. स्कूलों और कॉलेजों में सेमिनार आयोजित कर विद्यार्थियों को नए कानून समझाए जा रहे हैं.
इसके अलावा जन सभा, पैदल मार्च, रोड शो के माध्यम से भी जनजागृति की जा रही है. देश में नए कानून लागू होते ही पूरे प्रदेश में दो दिनों में 855 एफआईआर दर्ज की गई हैं. पहले दिन यानी एक जुलाई को कुल 378 एफआईआर दर्ज की गई थी, वहीं दूसरे दिन दो जुलाई को 477 एफआईआर दर्ज की गई.
प्रदेश के सभी 11 जोन की सभी रेंज में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. पहले दिन सबसे अधिक एफआईआर भोपाल अर्बन में दर्ज की गई, जिसकी संख्या 35 है. दूसरे दिन उज्जैन जिले में सबसे अधिक एफआईआर दर्ज की गई, जिसकी संख्या कुल 29 है.
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एसएनपी/