हाथरस भगदड़ हादसे के बाद से भोले बाबा लापता

लखनऊ, 3 जुलाई . यूपी के हाथरस में भीषण भगदड़ हादसे के बाद से ‘साकार विश्व हरि भोले बाबा’ लापता हैं. भोले बाबा के धार्मिक प्रवचन के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हुई है.

पुलिस ने ‘भोले बाबा’ की तलाश में मैनपुरी जिले के राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट में तलाशी अभियान चलाया. बाबा का कहीं पता नहीं चला है.

खास बात यह है कि एफआईआर में भोले बाबा का नाम आरोपी के रूप में नहीं है. इसमें उनके प्रबंधक और आयोजक देव प्रकाश मधुकर और धार्मिक कार्यक्रम के अन्य आयोजकों का नाम शामिल है.

साकार विश्व हरि भोले बाबा को पहले सौरभ कुमार के नाम से जाना जाता था. पहले वह उत्तर प्रदेश पुलिस के खुफिया विभाग में कार्यरत थे.

उन्होंने 17 साल की सेवा के बाद अपनी नौकरी छोड़ दी और एक प्रचारक के रूप में आध्यात्मिक यात्रा पर निकल पड़े. वह अपनी पत्नी के साथ सत्संग कार्यक्रम आयोजित करते हैं. उन्हें ‘पटियाली के साकार विश्व हरि बाबा’ के नाम से भी जाना जाता है.

बाबा के अनुयायी उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी हैं. हालांकि, बाबा और उनके अनुयायी मीडिया और सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखते हैं. फिर भी उनके बड़ी संख्या में अनुयायी हैं, जो खुद को ‘बाबा की सेना’ कहते हैं.

एक भक्त के अनुसार, भोले बाबा का कोई धार्मिक गुरु नहीं था. सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के तुरंत बाद उन्हें देवता के ‘दर्शन’ हुए. तब से ही उनका झुकाव आध्यात्मिक गतिविधियों की ओर हो गया.

वह हर मंगलवार को सत्संग करते हैं. हाथरस से पहले पिछले हफ्ते उन्होंने मैनपुरी जिले में भी ऐसा ही आयोजन किया था. मैनपुरी में भी बाबा का आश्रम है.

भोले बाबा कोविड महामारी के दौरान विवादों में तब आए जब उन्होंने मई 2022 में फर्रुखाबाद जिले में सत्संग के लिए इजाजत मांगी. इसमें केवल 50 लोग शामिल हो सकते थे. हालांकि, इसमें लोगों की संख्या 50 हजार से ज्यादा हो गई थी, जिससे स्थानीय प्रशासन के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो गई थी.

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