‘ग्लोबल इंडियाएआई समिट’ एआई के विकास और पहुंच को बढ़ाएगा : केंद्र

नई दिल्ली, 1 जुलाई . केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि इस हफ्ते होने वाली ‘ग्लोबल इंडियाएआई समिट’ का उद्देश्य साझेदारी, ज्ञान के आदान-प्रदान, नैतिकता के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) टेक्नोलॉजीज का समावेशी विकास करना है.

आईटी मंत्रालय की ओर से बयान में कहा गया कि ये समिट 3 से 4 जुलाई के बीच देश की राजधानी दिल्ली में होगा. इसमें सदस्य देशों के एक्सपर्ट भाग लेंगे और ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (जीपीएआई) का नेतृत्व भारत करेगा.

ये प्लेटफॉर्म विज्ञान, इंडस्ट्री, सिविल सोसाइटी, सरकारों, अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं और शैक्षणिक विभागों के एक्सपर्ट्स को एक मंच प्रदान करेगा. जहां वे एआई से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों पर बातचीत करेंगे.

आईटी मंत्रालय ने आगे कहा कि यह इवेंट सरकार की एआई को लेकर प्रतिबद्धता को दिखाता है. सरकार इसके जरिए सभी एआई पक्षकारों में साझेदारी और ज्ञान के आदान प्रदान को बढ़ावा दे रही है.

पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जीपीएआई के नई दिल्ली डिक्लेरेशन को 28 देशों की ओर से अपनाया गया.

इस डिक्लेरेशन में फोकस नए अवसरों की पहचान करने और एआई के विकास, उपयोग और लागू होने से आने वाले जोखिमों को कम करना था.

जीपीएआई ने यह सुनिश्चित किया है कि एआई स्पष्टता और जवाबदेही के साथ करोड़ों लोगों के लिए एक तेज प्रवर्तक की भूमिका निभाए.

सरकार के मुताबिक, इंडियाएआई मिशन का उद्देश्य एक कॉम्प्रीहेन्सिव इकोसिस्टम तैयार करना है, जो कि कंप्यूटर तक पहुंच में लोकतंत्रीकरण, डेटा की गुणवत्ता को सुधार कर, स्वयं की एआई क्षमताएं विकसित कर, शीर्ष एआई टैलेंट, इंडस्ट्रीज के बीच साझेदारी, स्टार्टअप को रिस्क कैपिटल उपलब्ध कराने, समाज में बदलाव लाने वाले एआई प्रोजेक्ट के जरिए एआई इनोवेशन को बढ़ाना है.

आईटी मंत्रालय की ओर से कहा गया कि इस समिट का फोकस भारत के एआई इकोसिस्टम का जिम्मेदार और समावेशी विकास करना है.

एबीएस/