हैदराबाद, 28 जून . पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव की 103वीं जयंती पर शुक्रवार को तेलंगाना के विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
पार्टी लाइन से ऊपर उठकर नेताओं ने दिवंगत प्रधानमंत्री की सेवाओं को याद किया. उन्हें इस साल मार्च में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था.
तेलंगाना सरकार के मंत्रियों से साथ सत्तारूढ़ कांग्रेस, विपक्षी भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं और दिवंगत नेता के परिवार के सदस्यों ने हुसैन सागर झील के किनारे पीवी घाट पर दिवंगत कांग्रेस नेता को पुष्पांजलि अर्पित की.
तेलंगाना के मंत्री कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी, वरिष्ठ कांग्रेस नेता के. जना रेड्डी और वी. हनुमंत राव, पूर्व मेयर टी. कृष्णा रेड्डी, तेलंगाना जन समिति (टीजेएस) के नेता एम. कोडंडारम, नरसिम्हा राव की बेटी और बीआरएस की विधान पार्षद वाणी देवी, बेटे प्रभाकर राव, पोते और भाजपा नेता एन.वी. सुभाष ने पीवी घाट पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
राज्य सरकार ने पीवी घाट पर जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया. इस अवसर पर एक सर्वधर्म प्रार्थना सभा भी आयोजित की गई.
वेंकट रेड्डी ने कहा, ”भारतीय और तेलुगु लोग नरसिम्हा राव को कभी नहीं भूल सकते. उन्होंने नए आर्थिक सुधारों के निर्माता के रूप में ऐतिहासिक भूमिका निभाई.”
मंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री बहुभाषी और बुद्धिजीवी थे जिन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश की प्रतिष्ठा बढ़ाई.
वाणी देवी ने कहा,”नरसिम्हा राव ने प्रभावी रूप से पूरे पांच साल के कार्यकाल (1991-96) के लिए अल्पमत सरकार चलाई और कई जटिल मुद्दों पर देश का नेतृत्व किया.”
विधानसभा अध्यक्ष गद्दाम प्रसाद और विधान परिषद के अध्यक्ष गुट्टा सुखेंद्र रेड्डी ने विधानसभा में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव ने पार्टी मुख्यालय तेलंगाना भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में नरसिम्हा राव को श्रद्धांजलि अर्पित की. पूर्व प्रधानमंत्री को बहुमुखी व्यक्तित्व बताते हुए उन्होंने कहा कि दिवंगत नेता ने कई क्षेत्रों में सुधार किए. उन्होंने बताया कि भूमि सुधार लागू करते समय नरसिंह राव ने अपने परिवार की 800 एकड़ जमीन सरकार को सौंप दी थी.
‘पीवी’ के नाम से लोकप्रिय नरसिम्हा राव पहले और एकमात्र तेलुगु प्रधानमंत्री थे. करीमनगर जिले (अब तेलंगाना में) के वंगारा के नेता को नेहरू-गांधी वंश के बाहर पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले पहले प्रधानमंत्री होने का गौरव प्राप्त था.
अविभाजित आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री के रूप में भी काम करने वाले पी.वी. नरसिम्हा राव एक विद्वान, राजनेता, बहुभाषाविद् और एक लेखक के रूप में जाने जाते थे.
वह 1972 में पहली बार संसद के लिए चुने गए थे. उन्होंने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की सरकारों में कई कैबिनेट पदों पर काम किया, वह 1980 से 1984 तक विदेश मंत्री भी रहे.
–
एमकेएस/एकेजे