नई दिल्ली, 27 जून . अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन परिषद के अध्यक्ष और अजमेर दरगाह के आध्यात्मिक प्रमुख के उत्तराधिकारी हजरत सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने अमेरिकी धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट पर के साथ बात करते हुए कहा, “रिपोर्ट झूठी, फर्जी और मनगढ़ंत है. हम इसे अस्वीकार करते हैं. एक मुसलमान के रूप में, मैं ऐसी किसी भी रिपोर्ट को खारिज करता हूं. हमारा संविधान भारत में सभी धर्मों के लोगों को स्वतंत्रता प्रदान करता है. भारत सरकार ने बिना भेदभाव के लिए सभी के लिए हर प्रकार की स्वतंत्रता सुनिश्चित की है.” पेश है उनसे बातचीत का अंश.
सवाल : अमेरिका ने भारत में धार्मिक आजादी को लेकर सवाल उठाए हैं, आपके हिसाब से क्या ऐसा है.
उत्तर : अमेरिकी सरकार की रिपोर्ट में जो कहा गया है, वो पूर्ण रूप से गलत व मनगढंत है. हम इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हैं. हिंदुस्तान में हर मजहब के लोगों को धार्मिक व अन्य प्रकार की आजादी है. पिछले 15 साल से हिंदुस्तान की हुकूमत ने हमें हर तरीके की आजादी दी है. यहां किसी को किसी किस्म की रोकथाम नहीं है.
सवाल : क्या अब कोई बाहरी मुल्क भारत की हकीकत को अपने हिसाब से दिखाएगा, आप क्या कहना चाहेंगे.
उत्तर : यही तो आश्चर्य है कि अमेरिका खुद अपने गिरेबान में नहीं झांकता. हिंदुस्तान का मुसलमान खुशहाल है, मुसलमान ही नहीं सिख, इसाई, जैन सभी बहुत खुशहाल हैं, सभी को धार्मिक आजादी है. किसी मुल्क को यह अधिकार नहीं है कि वह भारत की एकता व अखंडता पर सवाल उठाए. भारत के अंदरूनी मामलात में किसी प्रकार की दखलअंदाजी अस्वीकार्य है.
सवाल : अमेरिका कह रहा है कि भारत में धर्मपरिवर्तन से जुड़े कानूनों, हेट स्पीच और अल्पसंख्यकों के घरों व पूजा घरों को तोड़ा जा रहा है.
उत्तर : पता नहीं अमेरिका को कहां से ऐसी रिपोर्ट है मिल जाती है, इतना बड़ा देश है, इतना बड़ा मुल्क है, छोटी-मोटी घटनाएं हो जाती हैं. लेकिन मैं अमेरिका को नसीहत देना चाहता हूं और बताना चाहता हूं कि यहां मुस्लिमों के हालात मुस्लिम देशों से बहुत बेहतर है.
सवाल : अमेरिका का मानना है कि भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा हो रही है, भारत के अल्पसंख्यक समुदाय की ओर से आप क्या जवाब देना चाहेंगे.
उत्तर : मैं एक मुसलमान के नाते अमेरिका से कहना चाहता हूं की आपको भारत के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं है. हिंदुस्तान का मुसलमान खुशहाल है. आपको यहां आकर हकीकत देखनी चाहिए. यहां का मुस्लिम तरक्की कर रहा है. हिंदुस्तान की हुकूमत ने पिछले 15 साल में मुसलमानों के विकास के लिए बहुत कुछ किया है. मुसलमानों के रोजगार के लिए सरकार ने विशेेेष योजनाएं शुरू की है. दूसरी योजनाओं में भी मुसलमानों को बराबर लाभ प्रदान किया गया है. यहां किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं है. हम इस प्रकार की आधारहीन रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हैं.
सवाल : चीन, कनाडा, अफगानिस्तान में जब अत्याचार होता है, तो कहां गायब हो जाता है अमेरिका.
उत्तर : अगर अमेरिका में हिम्मत है तो चीन पर सवाल उठाए, जहां दाढ़ी रखना मना है, जहां मस्जिदें तोड़ी जा रही हैं, जहां कोई नमाज नहीं पढ़ सकता, वहां पर्दानशीन औरतों को परेशान किया जाता है. वहां के लिए अमेरिका क्यों नहीं बोलता. हिंदुस्तान के खिलाफ षड्यंत्र कर उसे बदनाम किया जा रहा है. हिंदुस्तान का मुसलमान हिंदुस्तान को बदनाम नहीं होने देगा. हिंदुस्तान का मुसलमान एक जिम्मेदार मुसलमान है और हर तरीके से आजादी के साथ यहां जी रहा है. हम यहां खुशहाल और सुरक्षित हैं.
–
/