नई दिल्ली, 27 जून . अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार कमर आगा ने से खास बातचीत करते हुए कहा है कि अमेरिका की ओर से जारी अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट 2023 अमेरिका का दबाव बनाने का एक तरीका है. वह रिपोर्ट इसलिए भी लाते हैं कि, ताकि दिखा सकें कि वह अंतरराष्ट्रीय कम्युनिटी के लीडर हैं, पूरे विश्व की उनको चिंता है.
उन्होंने कहा, अमेरिका के मित्र देशों में ही धार्मिक स्वतंत्रता का सबसे ज्यादा उल्लंघन होता है. उन पर सख्ती नहीं है. हम नाम नहीं लेना चाहते, लेकिन सब जानते हैं. जहां तक पाकिस्तान का सवाल है, तो पाकिस्तान पर पर सख्ती की जाती है, फिर दबाव डालकर डील भी करते हैं. दुनिया में बहुत तेजी से बदलाव आ रहा है और यह बात अमेरिका को समझ लेनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि भारत में 1.3 बिलियन लोग रहते हैं. इसमें हर तरह के लोग शामिल हैं. कभी-कभी तनाव भी होता है, लेकिन हमारे यहां संविधान है, रूल आफ लॉ है, कोर्ट है, अगर कोई दिक्कत आती है, तो वहां भी लोग जा सकते हैं. चुनाव होते हैं.
अमेरिका अपने को सबसे महान समझ कर पूरी दुनिया पर नसीहत देता रहता है, अमेरिका में कितनी बुरी हालत है, उनके यहां नक्सलवाद है. विस्थापन को लेकर समस्याएं हैं, वह मुल्क ही विस्थापन से बना हुआ है. ऐसे में वे नसीहत क्यों देते हैं
इस रिपोर्ट में पाकिस्तान के जिक्र को लेकर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के बारे में तो हम सभी लोग जानते हैं कि वहां कि क्या स्थिति है. उनके यहां न तो कोई संविधान है, जिस पर अमल होता हो, दिखाने के लिए भले ही हो. वहां माइनॉरिटी की बुरी हालत है. यह पूरी दुनिया जानती है. जबकि भारत सभ्यताओं का देश है. यहां पर विभिन्न तरीके की सभ्यताएं हैं. हमारे यहां सांस्कृतिक विविधता है. यहां पर सभी धर्मों के लोग रहते हैं.
झगड़े भी होते हैं, लेकिन उन झगड़ों को बातचीत के जरिए सुलझा लिया गया है. पाकिस्तान में हर चीज पर दबाव है, वहां पर खुलेआम आतंकवादी घूम रहे हैं. माइनॉरिटी के साथ जो व्यवहार वहां हो रहा है, उसके बारे में हम सभी जानते हैं. महिलाओं के मानवाधिकार हनन, वहां आम बात है.
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एकेएस/