उत्तराखंड के ग्लेशियरों में बनी 13 नई झील, 2 जुलाई के बाद अध्ययन करेगी टीम

देहरादून, 27 जून . केदारनाथ धाम में साल 2013 में आई आपदा से सबक लेते हुए सरकार ने ग्लेशियरों की निगरानी शुरू कर दी है. खबर है कि प्रदेश में ग्लेशियरों में 13 नई झील बनी है. सरकार को इस बात की जानकारी सैटेलाइट से मिली है.

आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया, “2 जुलाई के बाद एक्सपर्ट टीम इन झीलों के अध्ययन के लिए जाएगी. ताकि, भविष्य के संभावित खतरे को टाला जा सके. इनमें से पिथौरागढ़ जिले में दारमा, लासरयंगती, कुटीयंगती घाटी और चमोली जिले की धौली गंगा बेसिन की वसुधारा ताल झील हाई रिस्क जोन में है.”

रंजीत सिन्हा ने बताया कि उत्तराखंड के ग्लेशियरों में 13 नई झीलें बन गई है. सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है. इस तरह की झीलों में अगर ज्यादा पानी होता है तो गंभीर परिणाम हो सकते हैं. ऐसे में उसे डिस्चार्ज करने के लिए पाइप डाले जाएंगे. हमारी टीम झीलों के पास जाकर सभी चीजों का मूल्यांकन करेगी. यह भी देखेगी कि लेक की साइज और गहराई कितनी है. पिथौरागढ़ में भी चार झीलें हैं, जो खतरनाक हैं. ये झील कभी भी परेशानी खड़ी कर सकती हैं.

स्मिता/एबीएम