सेंगोल पर मचे घमासान के बीच रविशंकर प्रसाद ने साधा अखिलेश यादव पर निशाना

नई दिल्ली, 27 जून . सेंगोल पर मचे सियासी घमासान के बीच अब भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद का बयान आया है. उन्होंने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को हिदायत देते हुए कहा कि उन्हें इतिहास पढ़ने की जरूरत है. इसके अलावा, सपा नेता आरके चौधरी की मांग पर कहा कि ये कुछ नहीं पब्लिक स्टंट है, जो उचित नहीं है.

रविशंकर प्रसाद ने कहा, “अखिलेश यादव को इतिहास पढ़ने की जरूरत है. यह सेंगोल धर्मदंड है. चोला साम्राज्य की परंपरा के दौरान जब एक राजा दूसरे राजा को कमान सौंपता था, तब से यह व्यवस्था चली रही आ रही है. सेंगोल का मतलब सत्ता का लोकतांत्रिक तरीके से हस्तांतरण और यह सेंगोल उस धार्मिक मर्यादा का परिचय था, जिसे आपको फॉलो करना है, इसलिए वो नेहरू जी ने स्वीकार किया था. इन लोगों को इतिहास के बारे में कुछ नहीं पता. पता नहीं ये लोग क्या बात करते हैं.“

उन्होंने आगे कहा, “एक तरफ तो ये लोग खुलकर परिवारवाद को स्वीकार करते हैं और दूसरी तरफ इन्हें भारतीय परंपरा से परेशानी है. मुझे लगता है कि ये लोग कन्फ्यूज्ड हैं. मैं पूछना चाहता हूं कि ये अशोक स्तंभ क्या है? यह महाराज अशोक के शासन का चिन्ह है. तब तो आप लोग इसे भी हटा देंगे. मैं इससे आगे जाना चाहता हूं. संसद में धर्मो रक्षति रक्षितः सरीखे श्लोक लिखे हुए हैं, क्या अब उसे भी हटा दिया जाए. भारत हजारों साल पुराना देश है, जिसकी संस्कृति और संस्कार हैं. हमें गर्व है, अपने भारत की संस्कृति पर और जो लोग इस संस्कृति का सहारा लेकर वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं, उन्हें मैं कहना चाहता हूं कि वो ऐसा करने से बचें.“

दरअसल, समाजवादी पार्टी के नेता आरके चौधरी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर संसद में स्थापित सेंगोल को हटाकर संविधान की प्रति लगाने की मांग की है, जिस पर सियासी घमासान तेज हो गया है. बीजेपी जहां आरके चौधरी के इस बयान पर हमलावर है. वहीं सपा अपने नेता द्वारा उठाए गए कदम को जायज ठहरा रही है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मीडिया के सामने अपने नेता की मांग को उचित ठहराकर केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है.

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