नई दिल्ली, 27 जून . भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद आरके चौधरी के संसद से सेंगोल हटाने की मांग पर विपक्ष को घेरा.
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी का लंबा चरित्र और इतिहास रहा है. वो भारतीय सेना, भारत की संस्कृति और सनातन धर्म का लगातार अपमान करते आए हैं. रामचरित मानस को गाली देना, हिंदू धर्म को गाली देना और आज गाली देते हुए, सेंगोल जो भारतीय तमिल संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, उसको भी गालियां दी और अपमानित करने का काम किया है.
शहजाद पूनावाला ने कहा कि वो परिवारवाद का प्रतीक हैं, जो खुद परिवारवाद का सिंबल है, दूसरे को परिवारवाद का सिंबल बोलते हैं. क्या जवाहर लाल नेहरू ने परिवारवाद के सिंबल को स्वीकार किया था. क्योंकि सबसे पहले सेंगोल को ग्रहण करने का काम उन्होंने ही किया था. समाजवादी पार्टी ने आज तमिलनाडु का अपमान किया है, डीएमके इंडिया गठबंधन में सपा के साथ है, वो बताएं तमिल संस्कृति का अपमान क्या वो सहन करते हैं.
राष्ट्रपति के अभिभाषण का आम आदमी पार्टी ने बहिष्कार करने के के सवाल पर शहजाद पूनावाला ने कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण का विरोध करके आम आदमी पार्टी ने बताया दिया है कि वो संविधान और आदिवासी विरोधी हैं, ये किसके लिए राष्ट्रपति के भाषण का बहिष्कार कर रहे हैं, किसी प्रकार से आम आदमी पार्टी का सियासी धर्मांतरण हुआ है. एक समय ये लोग भ्रष्टाचारियों को जेल में भेजने के लिए धरना देते थे. लेकिन, आज जब स्वयं जेल में हैं, कोर्ट से राहत नहीं मिल रही है तो भ्रष्टाचार से बचाने के लिए आदिवासी समाज से आने वाली राष्ट्रपति और संविधान का अपमान करने के लिए धरना करने लगे हैं.
इस दौरान शहजाद पूनावाला ने सैम पित्रोदा को एक बार फिर से इंडियन ओवरसीज कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला.
उन्होंने कहा कि आज गुरु और चेले का असली चेहरा सामने आया है. जनता को धोखा देने के लिए कांग्रेस पार्टी ने चुनाव के समय सैम पित्रोदा से दूरी बना ली. असलियत में कांग्रेस पार्टी उनकी हर एक बात से इत्तेफाक रखती है, इसका प्रमाण आज सामने आ गया है. जब सैम पित्रोदा को फिर से कांग्रेस ने इंडियन ओवरसीज का अध्यक्ष बनाया. सैम पित्रोदा गांधी परिवार के खासमखास तो हैं, इसके अलावा वह राहुल गांधी के गुरु भी माने जाते हैं. उनकी विदेश की सारी यात्राएं भी आयोजित करते हैं. इसी सैम पित्रोदा ने कहा था कि दक्षिण भारत के लोग अफ्रीकन हैं, नार्थ ईस्ट के लोग चाइनीज हैं, वेस्ट इंडिया के लोग अरब जैसे हैं और नॉर्थ के लोग गोरे हैं. फिर वो कहते हैं कि यह नस्लीय टिप्पणी नहीं थी. क्या सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे उनकी इस बात को स्वीकार करते हैं?
उन्होंने आगे कहा कि ये वही सैम पित्रोदा हैं, जिन्होंने सिख नरसंहार पर कहा था, हुआ तो हुआ. पुलवामा पर पाकिस्तान को क्लीन चिट दी. आजकल राहुल गांधी संविधान लेकर इधर-उधर जाते हैं. पित्रोदा कहते हैं कि संविधान में नेहरू का ही योगदान था, बाबा साहेब आंबेडकर का कोई योगदान नहीं था. पित्रोदा ने इनहेरिटेंस टैक्स लगाने और मीडिल क्लास पर टैक्स बढ़ाने की वकालत की थी. आज कांग्रेस ने ये बात साबित कर दी है कि सैम पित्रोदा की सारी बातें खासकर संविधान और दक्षिण भारत को लेकर, उनकी नहीं थी, वो बयान राहुल गांधी और प्रथम परिवार की थी. जिस पर पुष्टि करते हुए उन्होंने सैम पित्रोदा को फिर से इंडियन ओवरसीज कांग्रेस अध्यक्ष का पद दे दिया है.
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एसके/