बिहार : ‘मैंगो मैन’ के नाम से मशहूर अशोक हर साल आम की कई नई प्रजातियां करते हैं ईजाद

भागलपुर, 27 जून ( ). बिहार के भागलपुर का जर्दालू आम देश और दुनिया में अपने खास स्वाद के लिए चर्चित है. हालांकि, अब जर्दालू आम को भी टक्कर मिलने लगी है.

भागलपुर के अशोक चौधरी हर साल आम की कई नई प्रजातियों को विकसित करते हैं, जो स्वाद के साथ दिखने में जर्दालू आम को भी पीछे छोड़ देता है. अशोक चौधरी आम की प्रजाति का नामकरण भी उसे विकसित करने के समय के आधार पर करते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसक अशोक चौधरी ‘मोदी’ और ‘लॉकडाउन’ प्रजाति के आम भी बाजार में ला चुके हैं. ‘मोदी आम’ श्रृंखला में तो उन्होंने तीन प्रजाति के आम विकसित किए हैं.

भागलपुर जिले के सुल्तानगंज अंतर्गत महेशी-तिलकपुर गांव के विधि स्नातक से किसान बने अशोक चौधरी (58) ने सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में नौकरी भी की है. उन्हें कुछ करने की इच्छा इस क्षेत्र में ले आई.

अशोक चौधरी ने मोदी श्रृंखला के आमों को विकसित करने के संबंध में को बताया कि वर्ष 2014, 2019 और अब 2024 में इस श्रृंखला के आम उन्होंने विकसित किए हैं.

उन्होंने बताया कि ‘मोदी 3’ आम की दो नई किस्म विकसित की गई है. इनमें एक रंगीन प्रजाति के आम को गुलाब खास और बीजू आम की किस्मों के अलावा अन्य राज्यों से ग्राफ्टिंग तकनीक की मदद से विकसित किया गया है.

यह आम पकने के बाद भी 15 दिनों तक खराब नहीं होता है. दूसरी किस्म को दशहरी और जर्दालू से विकसित किया गया, जिसका रंग हरा है.

अशोक ने विदेशी आम की ग्राफ्टिंग से भी नए प्रजातियों के आम विकसित किए हैं. उन्होंने बताया कि वे कृषि के क्षेत्र में खासकर आम की नई प्रजाति विकसित करने में पिछले 32 साल से लगे हुए हैं. उन्होंने 10 एकड़ में फैले अपने शोध-सह-उत्पादन फार्म में विभिन्न क्षेत्रों और देशों के 35-40 किस्म के रंग-बिरंगे आमों सहित 100 से अधिक आमों की किस्में विकसित की हैं.

उन्होंने बताया कि अब तक वे एक लाख से अधिक पौधे बांट चुके होंगे. आज के दौर में आम की नई प्रजाति विकसित करने की कई तकनीक विकसित हो चुकी हैं, लेकिन वे आज भी ‘ग्राफ्टिंग प्रौद्योगिकी’ (जिसे बहु-किस्म प्रसार के रूप में भी जाना जाता है) की मदद से आमों की नई किस्में विकसित करते हैं.

उनका कहना है कि उन्होंने इसमें फूलों (मंजर) के बीच पर-परागण विधियों के माध्यम से भी आमों की नई किस्में विकसित की हैं. उनके विकसित रंगीन आम नवरात्र, भागलपुरी बम्बईया (रंगीन), मधुवन आदि हैं.

मधुवन आम की श्रृंखला में अशोक ने 10 प्रजातियों के आम विकसित किये हैं. इस श्रृंखला में ऐसी आमों की प्रजातियां हैं जो आज समाप्त हो रही थीं. ऐसे पौधों को संरक्षित किया गया है.

उन्होंने कहा, “मैं अपने आमों की रंग-बिरंगी किस्मों को लोकप्रिय बनाने और लंबे समय से भूली जा चुकी किस्मों के लिए किसी से कोई शुल्क नहीं लेता.”

‘मैंगो मैन’ के नाम से मशहूर अशोक को आम की नई प्रजातियों को विकसित करने को लेकर कई पुरस्कार मिल चुके हैं. पटना हो या दिल्ली हो यहां आयोजित आम प्रदर्शनी हो या आमोत्सव इन्हें जरूर आमंत्रित किया जाता है. आम की खेती के क्षेत्र में चौधरी के प्रयासों के कारण ही भागलपुर के प्रसिद्ध जर्दालू आम को जीआई टैग मिला है.

इस पेशे में आने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आम को सभी फलों का राजा कहा जाता है. मुझे इस फल को बचाने के लिए कुछ करने की जरूरत महसूस हुई. मैंने विलुप्त होने वाली किस्मों के संरक्षण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया. भविष्य में उनकी योजना और कई तरह के आम की प्रजातियों को विकसित करने की है.

एमएनपी/एफजेड