बीजिंग, 26 जून . बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन चुप्पू ने राजधानी ढाका में सीपीसी केंद्रीय समिति के अंतर्राष्ट्रीय विभाग के प्रधान ल्यू च्येनछाओ से मुलाकात की.
इस दौरान, चुप्पू ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व में चीन ने बड़ी सफलता हासिल की है और निरंतर और तीव्र आर्थिक विकास बनाए रखा है, जिससे वह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. वैश्विक आर्थिक विकास में मंदी की पृष्ठभूमि के बावजूद, चीन की अर्थव्यवस्था ने पिछले वर्ष 5.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जो बहुत सराहनीय है.
राष्ट्रपति चुप्पू ने यह भी कहा कि हाल के वर्षों में, बांग्लादेश ने अच्छे विकास परिणाम हासिल किए हैं, बांग्लादेश-चीन सहयोग एक महत्वपूर्ण कारक है. बांग्लादेश में हर जगह देखी जा सकने वाली कई बड़े पैमाने की बुनियादी ढांचा परियोजनाएं चीन द्वारा बनाई गई हैं, और बांग्लादेश इसके लिए बहुत आभारी है.
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश एक-चीन सिद्धांत का पालन करता है, चीन की शांतिपूर्ण स्वतंत्र विदेश नीति की सराहना करता है. उन्हें आशा है कि चीन के साथ अर्थव्यवस्था और व्यापार की मजबूती, कृषि उत्पादों और समुद्री भोजन के आयात और निर्यात जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग करेगा, ब्रिक्स जैसे बहुपक्षीय तंत्र में घनिष्ठ सहयोग करेगा, और द्विपक्षीय संबंधों को नए स्तर पर बढ़ावा देगा.
ल्यू च्येनछाओ ने बैठक के दौरान कहा कि लगभग आधी सदी के राजनयिक संबंधों में, चीन और बांग्लादेश ने लगातार आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी समर्थन पर भरोसा किया है. उन्होंने देशों के बीच मैत्रीपूर्ण सह-अस्तित्व और जीत-जीत सहयोग का एक उदाहरण स्थापित किया है. चीन-बांग्लादेश संबंधों का स्थिर विकास दोनों देशों के नेतृत्व पर निर्भर करता है. चीन-बांग्लादेश संबंधों का महत्व स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता में निहित है.
ल्यू ने आगे कहा कि चीन राष्ट्रीय संप्रभुता, स्वतंत्रता और प्रादेशिक अखंडता की रक्षा में बांग्लादेश का दृढ़ता से समर्थन करता है, और बांग्लादेश के साथ मिलकर अर्थव्यवस्था, व्यापार, मानविकी, शिक्षा, चिकित्सा देखभाल और पर्यटन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को लगातार मजबूत करना चाहता है, ताकि दोनों देश एक साथ पारस्परिक लाभ और जीत-जीत के परिणाम का मार्ग पर आगे बढ़ सकें.
ल्यू च्येनछाओ ने यह भी कहा चीन बहुपक्षीय मामलों में बांग्लादेश के साथ समन्वय और सहयोग को मजबूत करने और विकासशील देशों के सामान्य हितों की रक्षा करने को तैयार है.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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