बेंगलुरु, 26 जून . दूध की कीमतों को लेकर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने बुधवार को कहा कि अन्य राज्यों के मुकाबले आज भी कर्नाटक में दूध की कीमतें कम हैं, और दाम और बढ़ाये जाने चाहिए थे.
उपमुख्यमंत्री ने कहा, “कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (केएमएफ) का फैसला किसानों के हित में है. दूसरे राज्यों में दूध की कीमतें कर्नाटक से ज्यादा हैं. केएमएफ को भी अपना अस्तित्व बचाए रखना है. यह (केएमएफ) किसानों का है. कीमतों में और बढ़ोतरी होनी चाहिए थी, क्योंकि हम दूसरे राज्यों की तुलना में इसे कम कीमत पर बेच रहे हैं. अमूल दूध की कीमत प्रति लीटर क्या है? दूसरे राज्यों में दूध की कीमत क्या है? उन्हें हमारे राज्य की कीमतों की तुलना दूसरे राज्यों से करनी चाहिए.”
उन्होंने कहा कि दूध की कीमतों में संशोधन का विरोध करके भाजपा नेताओं का असली चेहरा सामने आ गया है, क्योंकि वे किसानों के खिलाफ हैं.
उपमुख्यमंत्री ने कहा, “एक किसान का बेटा होने के नाते मैं जानता हूं कि यह कितना मुश्किल है. केएमएफ को एक लीटर दूध पर 10 रुपये से ज्यादा का नुकसान हो रहा है और एक बार तीन रुपये और अब दो रुपये बढ़ाने के बाद भी यह किसानों के हित में है. दो रुपये कोई बड़ी रकम नहीं है.”
भाजपा के विरोध के बारे में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें विरोध करने दीजिए, लेकिन साथ ही किसानों की स्थिति के बारे में भी पूछना चाहिए.
उन्होंने कहा, ”किसान गाय बेच रहे हैं क्योंकि वे उनकी देखभाल नहीं कर पा रहे हैं. हमारे विधायक कह रहे हैं कि पहले वे अच्छी संख्या में गाय पालते थे, लेकिन अब उनकी संख्या कम हो गई है. विपक्ष को विरोध करने की बजाय दूध की कीमतों में वृद्धि की मांग करनी चाहिए थी.”
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने स्पष्ट किया है कि नंदिनी दूध की कीमत में कोई वृद्धि नहीं होगी, लेकिन प्रत्येक पैकेट में अब अतिरिक्त 50 मिलीलीटर दूध होगा, और बढ़ी हुई मात्रा के अनुपात में कीमत में वृद्धि की जाएगी.
मंगलवार को कर्नाटक सरकार ने दूध की कीमतों में दो रुपये की बढ़ोतरी की, जिसमें प्रत्येक पैकेट में अतिरिक्त 50 मिली दूध देने की बात कही गई. बढ़ी हुई कीमतें बुधवार से लागू हो गई हैं.
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एमकेएस/एकेजे