नई दिल्ली, 26 जून . भारत सरकार की ओर से खपत बढ़ाने और नई नौकरियां पैदा करने के प्रयासों के कारण एफएमसीजी सेक्टर की वृद्धि दर 2024 में 7 से लेकर 9 प्रतिशत के बीच रह सकती है. एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.
आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि आने वाले समय में एफएमसीजी सेक्टर में मजबूत ग्रोथ देखने को मिल सकती है. 2024 में यह सेक्टर 7 से 9 प्रतिशत की दर से बढ़ सकता है.
रिपोर्ट में बताया गया कि एफएमसीजी (फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) सेक्टर की ग्रोथ बढ़ रही है और इसका आकार 9.1 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक का है. भारत की आर्थिक ग्रोथ और नई नौकरियां पैदा होने से इसको और सहारा मिलेगा.
एफएमसीजी उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री बढ़ रही है और इसकी वैल्यू 1.7 लाख करोड़ रुपये के करीब है.
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि डायरेक्ट टू कंज्यूमर (डीटूसी) सेगमेंट का उभरना दिखाता है कि ग्राहक के खरीदारी करने के तरीके में बदलाव हो रहा है.
कोरोना महामारी के बाद एफएमसीजी सेक्टर काफी संघर्ष कर रहा था. इस दौरान कुछ तिमाही में ग्रामीण क्षेत्र का प्रदर्शन भी कमजोर रहा. हालांकि, उभरते उपभोक्ता रुझान के बीच एफएमसीजी इंडस्ट्री ने लचीलेपन और अनुकूलन क्षमता का प्रदर्शन किया है. 2023 की दूसरी छमाही में वॉल्यूम और वैल्यू ग्रोथ में अच्छी बढ़त देखने को मिली.
रिपोर्ट में बताया गया कि 2023 की तीसरी तिमाही में राष्ट्रीय स्तर पर 8.6 प्रतिशत की वॉल्यूम ग्रोथ देखने को मिली थी. इस दौरान ग्रामीण बाजारों में ग्रोथ रेट 6.4 प्रतिशत रही, जो कि खपत का अनुकूल वातावरण दिखाती है.
गति शक्ति और अमृत काल विजन 2047 ने एफएमसीजी सेक्टर को मजबूत बनाने में काफी अहम भूमिका निभाई है और लंबी अवधि के लिए वृद्धि दर का मार्ग प्रशस्त किया है.
रिपोर्ट में कहा गया कि इन सभी फैक्टर्स के कारण एफएमसीजी सेक्टर के लिए कॉरपोरेट रिस्क इंडेक्स 68 से गिरकर 66 पर आ गया है.
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एबीएस/