नई दिल्ली, 25 जून . भारतीय बॉन्ड को 28 जून को ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स में शामिल किया जाएगा. माना जा रहा है कि अगले 10 महीनों में इस इंडेक्स में भारतीय बॉन्ड का वेटेज 10 प्रतिशत पर पहुंच जाएगा. इससे तीन उभरते हुए बाजारों जैसे थाईलैंड, पोलैंड और चेक का वेटेज कम हो सकता है.
यह जानकारी एचएसबीसी की ओर से जारी एक नोट में दी गई. नोट में कहा गया कि जेपी मॉर्गन इमर्जिंग मार्केट बॉन्ड इंडेक्स (जीबीआई ईएम इंडेक्स) में अगले 10 महीनों में भारत का वेटेज 10 प्रतिशत होना है. ऐसे में इस इंडेक्स में मौजूद अन्य उभरते बाजारों के इंडेक्स का रीवेटेज होगा और थाईलैंड, पोलैंड और चेक के वेटेज में कमी देखने को मिल सकती है.
आगे कहा गया कि इंडेक्स में रीवेटेज का कोई खास असर नहीं होगा, क्योंकि यह 10 महीने के दौरान किया जाएगा.
जेपी मॉर्गन की ओर से 21 सितंबर, 2023 को भारत के सरकारी बॉन्ड्स को ग्लोबल इंडेक्स में शामिल करने का ऐलान किया गया था. उस समय से लेकर अब तक भारतीय बॉन्ड्स में 10.4 अरब डॉलर का इनफ्लो आ चुका है, जबकि 2023 के पहले आठ महीने में यह 2.4 अरब डॉलर था.
वहीं, 2021 और 2022 में एक-एक अरब डॉलर की निकासी हुई थी. इससे पहले आई एक रिपोर्ट में बताया गया था कि ग्लोबल बॉन्ड इंडेक्स में शामिल होने के दिन यानी 28 जून को भारतीय बॉन्ड में 16,500 करोड़ रुपये (2 अरब डॉलर) का निवेश आ सकता है. वहीं, अगले 10 महीने की अवधि तक 20 अरब डॉलर का इनफ्लो आने की संभावना है.
जेपी मॉर्गन के अलावा ब्लूमबर्ग इंडेक्स सर्विसेज द्वारा भी कुछ भारतीय बॉन्ड्स को अगले साल की शुरुआत में उभरते बाजारों की लोकल करेंसी इंडेक्स में शामिल किया जाएगा.
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एबीएस/एबीएम