विजयी शिवसेना उम्मीदवार को सांसद के रूप में शपथ लेने से रोकने की मांग

मुंबई, 20 जून . एक अभूतपूर्व घटनाक्रम में, हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में मुंबई उत्तर-पश्चिम से पराजित उम्मीदवार ने लोकसभा महासचिव को नोटिस भेजकर चुनाव जीतने वाले शिवसेना उम्मीदवार रविंद्र डी वायकर को सांसद के रूप में शपथ लेने से रोकने की मांग की है.

यह नोटिस हिंदू समाज पार्टी के उम्मीदवार रहे भरत के शाह ने अपने अधिवक्ता के जरिए भेजा है. उन्होंने मतगणना में कथित अनियमितता के आधार पर वायकर के चुनाव को चुनौती दी है.

गोरेगांव ईस्ट के नेस्को सेंटर में मतगणना के दौरान काफी तनाव के बाद 4 जून की देर रात वायकर को मुंबई उत्तर-पश्चिम से विजेता घोषित किया गया.

शाह ने नोटिस में कहा है, “नेस्को मतगणना केंद्र में गड़बड़ी और अनियमितताओं के बारे में गंभीर शिकायतों की पृष्ठभूमि में रविंद्र वायकर को अनुच्छेद 99 के तहत सांसद के रूप में शपथ लेने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.”

शाह ने नोटिस में कहा कि मतगणना के बाद वायकर को 452,644 वोटों के साथ विजेता घोषित किया गया, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी शिवसेना (यूबीटी) के अमोल जी. कीर्तिकर को 452,596 वोट मिले. शाह को सिर्फ 937 वोट मिले.

रविंद्र वायकर के करीब रिश्तेदार मतगणना केंद्र के भीतर मोबाइल फोन का उपयोग करते हुए पाए जानेे पर शाह ने रिटर्निंग अधिकारी के पास शिकायत दर्ज कराई थी, साथ ही वनराई पुलिस स्टेशन में भी एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई.

शाह के नोटिस में दावा किया गया कि पुलिस जांच में पता चला है कि शिवसेना अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के रिश्तेदार मंगेश वी. पंडिलकर मोबाइल फोन का उपयोग कर रहे थे, जो कथित तौर पर एक ईवीएम से जुड़ा हुआ था.

जांच अधिकारी ने कहा कि उस शाम ईवीएम को अनलॉक करने के लिए ओटीपी जनरेट करने के लिए पंडिलकर के मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया गया था.

पुलिस ने पंडिलकर के मोबाइल को फोरेंसिक विश्लेषण और फिंगरप्रिंटिंग के लिए भेजा है. इसके अलावा मतगणना केंद्र के अंदर सीसीटीवी फुटेज भी ली है और उसकी जांच की है.

पुलिस को सर्विस वोटरों के लिए इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलट सिस्टम (ईटीपीबीएस) भी मिला है, जिसका इस्तेमाल ईवीएम के बाद किया जाता है.

शाह ने नोटिस में आरोप लगाया है कि, ” पोस्टल बैलट सिस्टम को अनलॉक करने के लिए गुरव ने उसी मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया और एक ओटीपी जनरेट किया.”

उन्होंने बताया कि ईवीएम की गिनती के दौरान कीर्तिकर आगे चल रहे थे, लेकिन ईटीपीबीएस की गिनती के बाद वे पिछड़ गए और वायकर को सिर्फ 48 वोटों से विजेता घोषित किया गया. नोटिस में कहा गया है कि यह पहली बार था जब ईवीएम के जरिए धोखाधड़ी की एक विशिष्ट प्रक्रिया सामने आई.”

इसे देखते हुए, शाह ने कहा कि वायकर को सांसद के रूप में शपथ लेने की अनुमति देना उचित नहीं होगा.

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