नीट परीक्षा की सीबीआई जांच के लिए कांग्रेस, लेफ्ट, एबीवीपी समेत चौतरफा दबाव

नई दिल्ली, 20 जून . शिक्षा मंत्रालय यूजीसी-नेट जून 2024 की परीक्षा रद्द कर चुका है. मंत्रालय का मानना है परीक्षा की सत्यता से समझौता हुआ है. मंत्रालय द्वारा लिए गए इस निर्णय के बाद अब नीट परीक्षा को लेकर भी चौतरफा दबाव बनने लगा है.

कांग्रेस और उसके सहयोगी दल, लेफ्ट और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्र भी नीट परीक्षा में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार लीक और फ्रॉड के बिना कोई परीक्षा आयोजित नहीं कर सकती.

कांग्रेस का कहना है नीट की परीक्षा को लेकर बेहद गंभीर सवाल खड़े हुए हैं. शिक्षा मंत्री को भी इन्हें स्वीकार करने के लिए मजबूर होना पड़ा. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ईमानदारी गंभीर संदेह के घेरे में है. अब परसों ही आयोजित हुई यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द कर दिया गया.

शिक्षा मंत्रालय को घेरते हुए कांग्रेस ने कहा कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट ने बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं का पूरी तरह से मजाक बना दिया है‌. एनसीईआरटी, यूजीसी और सीबीएसई का प्रोफेशनलिज्म खत्म हुआ है.

वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मुताबिक परीक्षाओं में पारदर्शिता से किसी प्रकार से भी समझौता नहीं होना चाहिए, पेपर लीक की समस्या बहुत गंभीर हो गई है.

एबीवीपी ने पेपर लीक की अलग-अलग घटनाओं के विरोध में लगातार आंदोलन कर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए पेपर लीक की समस्या के स्थायी निदान के लिए आवाज उठाई है. एबीवीपी, नीट-यूजी परीक्षा की भी सीबीआई जांच की मांग करती है. नकल माफियाओं को बख्शा नहीं जाना चाहिए, उन पर कड़ी कार्रवाई हो.

एनटीए ने 18 जून, 2024 को देश के विभिन्न शहरों में दो शिफ्ट में ओएमआर (पेन और पेपर) माध्यम से यूजीसी-नेट जून 2024 की परीक्षा आयोजित की थी. 19 जून को यूजीसी को गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से इस परीक्षा को लेकर कुछ जानकारियां मिलीं. इन जानकारियों से प्रथम दृष्टया संकेत मिलता है कि उक्त परीक्षा की सत्यता से समझौता हुआ है. इसके बाद शिक्षा मंत्रालय ने यूजीसी-नेट जून 2024 परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया.

मंत्रालय का कहना है कि जल्द ही एक नई परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसके लिए जानकारी अलग से साझा की जाएगी. साथ ही गहन जांच के लिए यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपा गया है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि जहां तक नेट (यूजीसी) परीक्षा-2024 से संबंधित मामला है तो उसमें ग्रेस मार्क से जुड़े मुद्दे को पहले ही पूरी तरह सुलझा लिया गया है. वहीं पटना में परीक्षा के संचालन में जो कथित अनियमितताएं हुई हैं, उनके संबंध में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है. रिपोर्ट मिलने पर सरकार आगे की कार्रवाई करेगी.

दूसरी और विभिन्न छात्र संगठनों का कहना है कि वे परीक्षा में इस तरह की अनियमितता के खिलाफ शिक्षा मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. छात्रों ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी को तुरंत भंग किए जाने की मांग की है.

इस बीच केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने गुरुवार को उपराष्ट्रपति भवन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से मुलाकात की.

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