बीजिंग, 19 जून . उत्तरी चीन के इनर मंगोलिया का उलानकाब शहर अपनी व्यापक आलू की खेती के कारण ‘चीन की आलू की राजधानी’ के नाम से मशहूर है.
सभी चीनी शहरों के मुकाबले यह शहर आलू के सबसे बड़े क्षेत्र और सबसे ज्यादा ताजे आलू के उत्पादन के लिए जाना जाता है और अपनी इसी विशेषता की वजह से साल 2009 में चीन खाद्य उद्योग संघ द्वारा इसे “चीन की आलू की राजधानी” की उपाधि से भी सम्मानित किया गया.
अपनी कृषि के एक प्रमुख घटक के रूप में आलू पर ध्यान केंद्रित करते हुए, उलानकाब शहर आलू की खेती और गुणवत्ता बढ़ाने, साथ ही एक विशिष्ट और कुशल आलू उद्योग को एक मजबूत क्षेत्रीय ब्रांड बनाने के लिए काम कर रहा है. फिलहाल यहां करीब 4.94 लाख एकड़ पर आलू की खेती की जाती है, जिसका वार्षिक उत्पादन 4 अरब किलोग्राम है. यह इनर मंगोलिया का 50 फीसदी और चीन के कुल आलू उत्पादन का 6 फीसदी है.
उलानकाब आलू की खेती, बिक्री, उत्पादन और ताजे आलू उगाने के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में काम करता है. उलानकाब की आलू रणनीति के उद्देश्यों में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कृषि चुनौतियों का समाधान करना, सतत कृषि के तरीकों को बढ़ावा देना, गरीबी को कम करने के लिए कृषि में बदलाव लाना और निवासियों की बदलती खाद्य जरूरतों को पूरा करने के लिए मुख्य खाद्य संस्कृति का समर्थन करना शामिल है.
अपनी रणनीतिक दृष्टि के अनुरूप, उलानकाब का लक्ष्य खाद्य आपूर्ति की गारंटी देना और पोषण के आधार पर उत्पादन का मार्गदर्शन करना है. इस पूरी प्रक्रिया में सतत विकास पाने के लिए, प्रमुख फसलों के साथ गैर-प्रतिस्पर्धा, एकीकृत विकास, औद्योगिक और संसाधन एकीकरण, सरकार और बाजार सहयोग और नियोजित कार्यान्वयन जैसे विकास सिद्धांतों का पालन भी किया जाता है.
आलू उगाने के लिए उलानकाब की योजना में कई प्रमुख कार्य शामिल हैं : मांग के आधार पर आलू उगाने के लिए जगह की व्यवस्था करना, प्रजनन और नवाचार के माध्यम से आलू की नई किस्मों को प्रोत्साहित करना, उत्पादन के लिए उन्नत तकनीक का उपयोग करना, आलू को संसाधित करते समय पोषण पर ध्यान केंद्रित करना और निवासियों को आलू उत्पादों को खाने के लाभों के बारे में शिक्षित करना शामिल है.
इन व्यापक प्रयासों के साथ, उलानकाब चीन के आलू उद्योग में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका की पुष्टि करता है, खाद्य सुरक्षा और स्थिरता को प्राथमिकता देते हुए नवाचार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देता है.
(अखिल पाराशर, चाइना मीडिया ग्रुप, बीजिंग)
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