नई दिल्ली, 18 जून . देश में ई कॉमर्स प्लेटफॉर्मों पर नकद रहित भुगतान की हिस्सेदारी 2018 के 20.4 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 58.1 प्रतिशत पर पहुंच गई. यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे तेज वृद्धि है.
आंकड़ों और विश्लेषण से जुड़ी कंपनी ग्लोबलडाटा ने एक रिपोर्ट में बताया कि मोबाइल वॉलेट और यूपीआई के इस्तेमाल बढ़ने से यह तेजी आई है. इससे सिर्फ एक क्यूआर कोड स्कैन कर वास्तविक समय में भुगतान संभव है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भुगतान के वैकल्पिक तरीके चीन और भारत में पहले से ही लोकप्रिय हैं. अब क्षेत्र के दूसरे देशों में भी इनका इस्तेमाल बढ़ रहा है.
ग्लोबलडाटा में बैंकिंग एवं भुगतान की वरिष्ठ विश्लेषक शिवानी गुप्ता ने कहा, “ज्यादातर एशियाई बाजारों में नकदी का चलन हावी है, लेकिन कई देशों में ऑनलाइन और इन-स्टोर भुगतान के वैकल्पिक तरीकों का प्रचलन भी बढ़ रहा है, और इसकी गति पश्चिमी देशों से कहीं ज्यादा है.”
उन्होंने कहा, “स्मार्टफोन और इंटरनेट के बढ़ते ट्रेंड, इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की बढ़ती आसानी और मोबाइल तथा क्यूआर कोड आधारित भुगतान समाधान की उपलब्धता बढ़ने से इस ट्रेंड को बल मिल रहा है.”
रिपोर्ट में पता चला है कि क्षेत्र के नकदी प्रधान देशों फिलीपींस, मलेशिया और इंडोनेशिया में भी इसी तरह का ट्रेंड देखा जा रहा है.
गुप्ता ने कहा, “इंटरनेट और स्मार्टफोन की उपलब्धता बढ़ने, व्यापारियों द्वारा डिजिटल भुगतान की बढ़ रही स्वीकार्यता के कारण एशिया प्रशांत क्षेत्र के कई देशों में भुगतान के वैकल्पिक तरीकों की हिस्सेदारी ज्यादा है.”
उन्होंने कहा कि सुविधा, गति तथा सुरक्षा के साथ क्षेत्र के ई कॉमर्स बाजार में तेज वृद्धि को देखते हुए “इन भुगतान तंत्रों की लोकप्रियता बढ़ने और उपभोक्ता भुगतान के तरीकों में आमूलचूल परिवर्तन की संभावना है.”
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