धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट : अदाणी समूह को नहीं बल्कि महाराष्ट्र सरकार को ट्रांसफर होगी जमीन

मुंबई, 16 जून . अदाणी समूह करोड़ों रुपए की धारावी झुग्गी-बस्ती पुनर्विकास परियोजना के भूमि हस्तांतरण में शामिल नहीं है. सूत्रों का दावा है कि परियोजना के तहत भूमि का हस्तांतरण महाराष्ट्र सरकार के विभागों को किया जाना है.

अदाणी समूह सिर्फ डेवलपर के तौर पर घरों का निर्माण करेगा और इसके बाद इन घरों को सरकारी विभाग को सौंप देगा. इसके बाद एशिया की सबसे बड़ी मानी जाने वाली झोपड़पट्टी के लोगों के बीच मकानों का आवंटन किया जाएगा.

हाल ही में कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने इस मामले में जमीन हड़पने का आरोप लगाया था. वर्षा गायकवाड़ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके लिखा था, “धारावी के लोगों के भविष्य का सवाल हो तो उन्हें विश्वास में लेकर हर काम होना चाहिए, पर उसके बजाय उन्हें रोज डराया, धमकाया जा रहा है.”

हालांकि, धारावी झुग्गी-बस्ती पुनर्विकास परियोजना से जुड़े सूत्रों ने कांग्रेस सांसद के दावों की पोल खोल दी. परियोजना से जुड़े सूत्रों ने उनके आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है.

सूत्रों ने बताया कि जमीन सिर्फ महाराष्ट्र सरकार के आवास विभाग के धारावी पुनर्विकास परियोजना/स्लम पुनर्वास प्राधिकरण (डीआरपी/एसआरए) को आवंटित की जाएगी. अदाणी ग्रुप ने खुली अंतरराष्ट्रीय बोली में धारावी झुग्गी झोपड़ी पुनर्विकास परियोजना प्राप्त की थी. इसके अलावा अदाणी समूह अपनी संयुक्त उद्यम कंपनी धारावी रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड (डीआरपीपीएल) के जरिए आवास और वाणिज्यिक स्थान बनाएगा और उन्हें फिर से डीआरपी/एसआरए को सौंप देगा.

सूत्रों ने कहा कि निविदा के अनुसार, जब तक भूमि बनी रहेगी और सरकार द्वारा तय दरों पर डीआरपी/एसआरए को आवंटित की जाएगी, डीआरपीपीएल को विकास के लिए मांग के अनुसार सरकार को भुगतान करना होगा. यह निविदा योजना के अनुसार है. बदले में, डीआरपीपीएल को विकास अधिकार मिलेंगे. राज्य समर्थन समझौता, जो निविदा दस्तावेज का हिस्सा है, स्पष्ट रूप से बताता है कि राज्य सरकार अपने स्वयं के डीआरपी/एसआरए विभाग को भूमि देकर परियोजना का समर्थन करेगी.

धारावी पुनर्विकास पर कई और महत्वपूर्ण सरकारी प्रस्तावों का विवरण संबंधित सांसद को कई बार दिया गया है. जहां तक रेलवे की भूमि का सवाल है, इसे टेंडरिंग से पहले ही डीआरपी को आवंटित कर दिया गया था. धारावी के निवासियों को धारावी से बाहर निकाल दिया जाएगा और बेघर कर दिया जाएगा, यह आरोप पूरी तरह से काल्पनिक हैं और लोगों में चिंता पैदा करने के लिए मात्र एक कल्पना हैं.

सरकार के 2022 के आदेश में एक शर्त रखी गई है कि धारावी के हर एक निवासी को एक घर दिया जाएगा. जिसकी एक प्रति सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होगी.

सूत्रों ने कहा, ”डीआरपी/एसआरए योजना के तहत किसी भी धारावी निवासी को विस्थापित नहीं किया जाएगा. पिछली सरकारी व्यवस्थाओं के अनुसार नियमित एसआरए योजना में 300 वर्ग फीट तक का घर प्रदान किया जाता रहा है. इसकी तुलना में धारावी के लिए एक अनूठा प्रावधान तैयार किया गया है. धारावी पुनर्विकास परियोजना के तहत, निवासियों को 350 वर्ग फीट का घर दिया जाएगा, जो मुंबई में किसी भी अन्य एसआरए योजना की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक है.”

सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस सांसद एक झूठी कहानी गढ़ने और धारावी के पुनर्विकास की राज्य सरकार की योजना के काम में बाधा डालने का प्रयास कर रही हैं, जबकि इसके निवासी कई दशकों से विश्व स्तरीय सुविधाओं वाले बेहतर घरों का इंतजार कर रहे हैं.

धारावी पुनर्विकास परियोजना अपनी तरह की पहली पहल है, जो इलाके को विश्वस्तरीय शहर में बदलने का प्रयास है, इसके गुजरे कल को संरक्षित करते हुए एक टिकाऊ और संपन्न पड़ोस का निर्माण करती है. यह परियोजना मानव-केंद्रित दृष्टिकोण के माध्यम से धारावी के दस लाख से अधिक निवासियों के जीवन की गुणवत्ता सुधारना चाहती है.

एसके/