नई दिल्ली, 15 जून . इंसुलिन प्रतिरोध या टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम वाले लोगों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है.
ओबेसिटी पत्रिका में प्रकाशित नए अध्ययन के परिणामों के अनुसार, शाम को शारीरिक गतिविधि (फिजिकल एक्टिविटी) करने से ग्लूकोज रेगुलेशन (नियंत्रण) में सुधार पाया गया है, विशेष रूप से ज्यादा वजन वाले वयस्कों में. शाम को शाम 6 बजे से मध्य रात्रि 12 बजे के बीच फिजिकल एक्टिविटी करने से अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त पुरुषों और महिलाओं में ग्लूकोज नियंत्रण पर पॉजिटिव प्रभाव पड़ता है.
शोधकर्ताओं ने कहा, “दिन का आदर्श समय चुनना, ग्लूकोज चयापचय पर फिजिकल एक्टिविटी के फायदों को बढ़ाने के लिए एक उभरती हुई रणनीति प्रतीत होती है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो इंसुलिन प्रतिरोध से ग्रस्त हैं या जिन्हें टाइप 2 फिजिकल एक्टिविटी होने का खतरा है.”
स्पेन के ग्रानाडा विश्वविद्यालय (यूजीआर) के वैज्ञानिकों के अनुसार, फिजिकल एक्टिविटी का फायदा उन लोगों को अधिक होता है, जिनमें ग्लूकोज चयापचय की कुछ समस्या होती है, जैसे ग्लूकोज का उच्च स्तर या उपवास इंसुलिन प्रतिरोध आदि. परिणाम पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए समान थे.
अध्ययन में कुल 186 अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त वयस्कों ने हिस्सा लिया, इनमें से 50 प्रतिशत महिलाएं थीं और उनकी औसत आयु 47 साल थी.
इन प्रतिभागियों ने 14 दिनों तक एक्सेलेरोमीटर और निरंतर ग्लूकोज मॉनिटर पहना, ताकि उनकी फिजिकल एक्टिविटी और ग्लूकोज के स्तर को 24 घंटे मापा जा सके.
लेखकों ने कहा, “यह जानकारी इन समूहों में एक्सरसाइज हस्तक्षेप की प्रभावशीलता में सुधार करने में महत्वपूर्ण हो सकती है.
पहले इस बात की जानकारी नहीं थी कि दिन के किसी विशेष समय जैसे- सुबह, दोपहर या शाम के वक्त ज्यादा एक्टिव रहने से फिजिकल एक्टिविटी के कार्डियो-मेटाबोलिक फायदे ज्यादा हो सकते हैं या नहीं.
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