प्याज के मुद्दे पर नासिक, पुणे व सोलापुर में महायुति को उठाना पड़ा नुकसान : अजीत पवार

पुणे, 15 जून . महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी अध्यक्ष अजीत पवार ने शुक्रवार को कहा कि विपक्ष द्वारा उठाए गए ‘लेयर्ड एडिबल बल्ब’ से जुड़े मुद्दों के कारण लोकसभा चुनावों के दौरान राज्य के प्याज उत्पादक जिलों नासिक, पुणे, अहमदनगर और सोलापुर में उनकी पार्टी और महायुति को नुकसान उठाना पड़ा.

अजीत पवार ने कहा,”केंद्र सरकार को बताया गया था कि प्याज उत्पादकों और उपभोक्ताओं को संतुष्ट करने के लिए इसका समाधान खोजा जाना चाहिए. लेकिन ऐसा न हो पाने के कारण लोकसभा चुनावों में नासिक, पुणे, अहमदनगर नगर और सोलापुर में महायुति को नुकसान उठाना पड़ा.”

उन्होंने कहा, “जलगांव, नासिक, पुणे, अहमदनगर नगर और सोलापुर जिलों में बड़ी संख्या में किसान प्याज उगाते हैं. प्याज का मुद्दा उठने के बाद प्याज उत्पादकों में नाराजगी थी. इसलिए, हमने केंद्र सरकार से प्याज उत्पादकों और उपभोक्ताओं को संतुष्ट करने की मांग की. लेकिन ऐसा न होने के कारण महायुति को उत्तरी महाराष्ट्र में जलगांव और रावेर को छोड़कर नासिक, पुणे, अहमदनगर और सोलापुर में हार का सामना करना पड़ा.”

अजीत पवार ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए हाल ही में दिल्ली जाने के दौरान उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय मंत्री अमित शाह और पीयूष गोयल को बताया था.

अजीत पवार का यह बयान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा यह कहे जाने के तीन दिन बाद आया है कि कृषि संकट ने महायुति को भारी नुकसान पहुंचाया. उन्होंने कहा कि “लोकसभा चुनावों में प्याज ने नासिक में, सोयाबीन और कपास ने मराठवाड़ा और विदर्भ में हमें रुलाया.”

इस बीच, उपमुख्यमंत्री ने इस बात से इनकार किया है कि वरिष्ठ मंत्री छगन भुजबल राज्यसभा उपचुनाव के लिए सुनेत्रा पवार को नामित करने के पार्टी के फैसले से नाराज हैं.

उन्होंने कहा, “यह पूरी तरह से झूठ है. पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल, प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे ने मामले में पहले ही स्पष्ट कर दिया है, साथ ही भुजबल ने भी कहा है कि वे इस फैसले से नाराज नहीं हैं.”

गुरुवार को सुनेत्रा पवार के नामांकन के समय महायुति नेताओं की अनुपस्थिति पर अजित पवार ने कहा कि उन्होंने पार्टी के फैसले के बारे में पहले ही सीएम शिंदे को बता दिया था, जबकि दूसरे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मुंबई से बाहर होने के कारण नहीं आ सके.

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