जी7 शिखर सम्मेलन बहुत महत्वपूर्ण, भारत की इकोनॉमी तेजी से बढ़ रही : कमर आगा

नई दिल्ली, 13 जून . अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार कमर आगा ने इटली में होने जा रहे जी7 शिखर सम्मेलन को महत्वपूर्ण बताया. पीएम नरेंद्र मोदी भी इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इटली रवाना हो गए हैं.

कमर आगा ने कहा कि यह बैठक बहुत महत्वपूर्ण होती है. उसके कई कारण हैं. पहली बात तो उसके अंदर रीजनल ऑर्गेनाइजेशन (क्षेत्रीय संगठन) होता है. अलग-अलग रीजन से लोग आते हैं. अभी दो युद्ध भी चल रहे हैं. वो भी एक बात है. दूसरी बात यह है कि इसके अंदर मौका मिल जाता है.

वहां पर अमेरिका के राष्ट्रपति से भी भारत के प्रधानमंत्री की मुलाकात होगी. उसके बाद एक बहुत महत्वपूर्ण मीटिंग होने वाली है. कनाडा के प्रधानमंत्री के साथ भी मीटिंग होगी. कनाडा से आज कल हमारे रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे हैं, कोशिश होगी कि उनसे बातचीत करके समस्याओं का हल किया जाए. इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मनोली से भी पीएम नरेंद्र मोदी मुलाकात करेंगे.

जॉर्जिया से प्रधानमंत्री के अच्छे संबंध हैं. इटली एक ऐसा देश है, जो खुलकर पाकिस्तान के साथ रहता है. भारत की कोशिश यह होगी की इटली को थोड़ा न्यूट्रलाइज करे या भारत के साथ खुलकर आ जाए. भारत के साथ इटली भी चाहता होगा कि वह भारत से जुड़े क्योंकि भारत की इकोनॉमी (अर्थव्यवस्था) तेजी से बढ़ रही है.

उन्होंने आगे कहा कि अफ्रीका में चीन का बहुत ज्यादा इनफ्लुएंस पड़ा है. बड़े-बड़े प्रोजेक्ट वहां पर लगा रहे हैं. वहां पर जितना फायदा उनका होना चाहिए था उतना फायदा उनको नहीं हो रहा है. लेकिन चीन को ज्यादा फायदा हो रहा है. भारत, चीन के बढ़ते इनफ्लुएंस को कम करना चाहेगा, फिर इंडो पैसिफिक क्षेत्र में जब पीएम मिलेंगे तो जरूर बात होगी, चाइना की विस्तारवादी नीति जो वहां पर है.

पीएम के दौरे से पहले इटली में कुछ असामाजिक तत्वों ने महात्मा गांधी मूर्ति को तोड़ दिया था. भारत ने कड़े शब्दों में इसकी निंदा की थी. इस पर उनका कहना है कि कुछ आसामाजिक तत्व होते हैं.

यह वाइट सुप्रीमेसी से भी है, जिनको गांधी जी पसंद नहीं है. महात्मा गांधी ने वेस्टर्न टेररिज्म के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी थी. कुछ लोग फास्टेस्ट भी हैं, वहां पर मेरी समझ में यह फ्रेंच एलिमेंट्स है जो इस तरह की हरकतें करते हैं.

भारत में जी20 शिखर सम्मेलन आयोजन के बाद इटली में जी7 शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है. इस पर उन्होंने कहा कि यह अलग-अलग ग्रुपिंग है. यह बड़ा इंडस्ट्रियलिस्ट ग्रुप है. इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, जापान, कनाडा और इटली भी इसके सदस्य हैं.

इसमें से ज्यादातर देश दूसरे देशों में इंडस्ट्रियलिज्म लेकर आए. कहीं पर बिजली का निर्माण हुआ और कहीं पर स्टीम इंजन का निर्माण हुआ. जी20 एक विश्व के अंदर डेवलपिंग कंट्री हैं, इनके पास टेक्नोलॉजी भी काफी और जीडीपी भी बहुत है. भारत जैसे देश उसमें भी शामिल हैं.

इसके अलावा उन्होंने कहा कि जी20 बहुत बड़ा ऑर्गेनाइजेशन (संगठन) है. इसमें पश्चिमी देश और संपन्न देश अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका मिलकर काम कर रहे हैं. यह देश भी काफी संपन्न माना जाता है, क्योंकि यहां पर इकोनॉमी बहुत तेजी से बढ़ रही है या तेल के बड़े स्रोत हैं. इनका बड़ा इनफ्लुएंस है. यह सब मिलकर काम करते हैं. जब सारे देश एक साथ जुड़ते हैं तो अमन शांति भी बढ़ती है और कंपटीशन काम होता है. जी20 में डेमोक्रेसी (लोकतंत्र) है. रूल ऑफ लॉ है और भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है. भारत का सबसे बड़ा संविधान है, जिसमें ह्यूमन राइट्स पर काफी जोर दिया गया है.

पीएम मोदी ने बिग कैट एलायंस जैसे वैश्विक गठबंधन बनाने में दुनिया का नेतृत्व किया है. इस पर उन्होंने कहा कि यह तीनों सेक्टर इकोनॉमिक्स के बहुत इंपॉर्टेंट हैं. भारत एक ग्लोबल साउथ का देश माना जाता है. भारत अकेला देश है जो जी7 हो या जी20 हो, इन दोनों ग्रुप में अंडर डेवलप या री-डेवलप्ड देश उनके साथ बात करता है. देशों को बात करने का मौका नहीं मिलता. भारत बड़े देशों के साथ मिलकर उनका लीडरशिप का रोल प्ले करता है. भारत के प्रधानमंत्री हमेशा जहां भी जाते हैं, चाहे वह अमेरिका हो लैटिन अमेरिका हो उनकी जो गुरबत है उस पर बात करते हैं.

भारत-इटली द्विपक्षीय संबंधों को ‘रणनीतिक साझेदारी’ के स्तर पर उन्नत किया गया. इस पर उनका कहना है कि यह दो अलग-अलग चीज हैं. पूरा विश्व कनेक्ट है. यूक्रेन युद्ध से ब्लैक सी कमर्शियल शिप में दिक्कत आ रही थी, जिसकी वजह से गेहूं की कमी बहुत ज्यादा हो गई थी या फिर जो हमास के चलते समस्या आ रही थी, सबको रेड सी में शिपिंग डिस्टर्ब है. यहूदियों की वजह से है हिजबुल्लाह, शिया मिलिशिया सब इजरायल पर बराबर हमला कर रहे हैं. तेल की कीमत बढ़ने का डर लगा रहता है. इसका फर्क एक दूसरे से पड़ता है.

यूरोपीय संघ में इटली भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार के साथ सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है. ऐसे में पीएम मोदी भारत के लिए क्या लाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं? इस पर उन्होंने कहा कि डिफेंस कॉरपोरेशन इटली के पास प्राइवेट सेक्टर और पब्लिक सेक्टर काफी टेक्नोलॉजी है. कई सेक्टर एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) पर इस समय इस पर काम कर रहे हैं.

रूस-यूक्रेन युद्ध और इजरायल और हमास के बीच संघर्ष जी7 शिखर सम्मेलन में गाजा का दबदबा है. ग्लोबल के लिए आगे का रास्ता क्या हो सकता है. इस पर उन्होंने कहा कि लोगों का मानना है कि भारत की दोस्ती रूस से भी है और इजरायल से भी है. अमेरिका और यूरोपीय देश चाहते हैं कि भारत एक शांति वार्ता की बात करें. मगर यह एक ट्रेप भी है, इसलिए पश्चिमी देशों की नीति हमेशा कर्तव्य की होती है. एक तरफ अमन शांति की बात करते हैं, दूसरी तरफ हथियार सप्लाई करते हैं, इजरायल को हम देख ही रहे हैं. यहां पर शांति वार्ता होने वाली है. स्विट्जरलैंड में यूक्रेन को लेकर, लेकिन रूस को इनवाइट नहीं किया गया है. अमेरिका और पश्चिमी देश जो हैं वह यूक्रेन को हथियार सप्लाई कर रहे हैं. उसके साथ-साथ अनुमति दी गई है कि वह रूस के अंदर जाकर हथियारों का इस्तेमाल कर सकें.

इससे युद्ध और ऊपर चला जाता है. इससे लगता नहीं कि वहां पर शांति वार्ता हो पाएगी. बातचीत तो नहीं चल पाएगी. अगर इच्छा शक्ति हो तो दोनों मसले हल किया जा सकते हैं.

भारत अपील करेगा. प्रधानमंत्री ने कहा है कि बातचीत और डिप्लोमेसी से ही मसले हल होते हैं. लड़ाई झगड़े से कुछ नहीं होता. अमेरिका ने 22 साल से भी ज्यादा अफगानिस्तान में युद्ध लड़ा और बाद में तालिबान को ही सत्ता देकर आना पड़ा. इराक में इतना बड़ा युद्ध हुआ, सद्दाम हुसैन को फांसी पर लटका दिया गया. ईरान के लिए वह बार-बार कहते हैं कि वहां पर हम राजिम चेंज करेंगे. लेकिन आज तक नहीं कर पाएं. जब सभी लोग सीरियस होंगे तभी बातचीत हो पाएगी. बातचीत से ही कोई हल निकलेगा.

एफजेड/