दिल्ली में जल संकट पर बांसुरी स्वराज ने केजरीवाल की नीयत पर उठाए सवाल

नई दिल्ली, 13 जून . राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पानी की किल्लत को लेकर बीजेपी नेता बांसुरी स्वराज ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नीयत पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि इनकी नीयत ही नहीं है कि दिल्ली में पानी संकट खत्म हो. ये लोग चाहते हैं कि दिल्ली के लोग इसी तरह से पानी के संकट का सामना करते रहें.

बांसुरी स्वराज ने से बातचीत में कहा, “नीयत हो तो नियति भी बदल जाती है, लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नीयत ही नहीं है कि वो लोगों को जल संकट से उबारें. यह संकट प्राकृतिक नहीं, बल्कि मानव निर्मित है. इस संकट को किसी और ने नहीं, बल्कि आम आदमी पार्टी ने खुद बनाया है.“

उन्होंने कहा, “आम आदमी पार्टी ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाखिल की थी, लेकिन कोर्ट ने फटकार लगाई. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से एक या दो नहीं, बल्कि कई सवाल किए. दिल्ली सरकार से पूछा गया कि आपने लोगों को पानी संकट से निजात दिलाने के लिए क्या किया? दिल्ली में जिस तरह अवैध तरीके से वाटर टैंकर माफिया संचालित हो रहे हैं, उस पर अंकुश लगाने की दिशा में आपने क्या कदम उठाए हैं?“

बीजेपी नेता ने आम आदमी पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “इन लोगों की नीयत ही नहीं है कि दिल्ली को पानी संकट से निजात मिले. अब ऐसा लगता है कि दिल्ली वालों की यह नियति बन चुकी है कि वो हर वर्ष प्यासा मरे. अगर आप लोगों को याद हो तो यह संकट 2018, 2019 और अब 2024 में भी आया है. एक दशक से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है, लेकिन इन लोगों ने दिल्ली जल बोर्ड के आधारिक संरचना पर कोई ध्यान नहीं दिया. दिल्ली जल बोर्ड अब चरमरा रहा है, जो दिल्ली जल बोर्ड 2013 में 600 करोड़ रुपए के लाभ में था, वो अब 1300 करोड़ के नुकसान में है.“

उन्होंने कहा, “एक दशक से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है, लेकिन इन लोगों ने दिल्ली जल बोर्ड के आधारिक संरचना के विकास पर कोई ध्यान नहीं दिया. दिल्ली में जगह-जगह पाइप लीकेज की समस्या है. पानी का रिसाव हो रहा है, लेकिन आम आदमी पार्टी के जनप्रतिनिधियों ने आंखें मूंद रखी हैं. मैंने इस संबंध में गत 8 जून को दिल्ली जल बोर्ड को शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद उसे 9 जून को ठीक किया गया. उधर, आम आदमी पार्टी की सरकार केवल दोषारोपण करती है. कभी हरियाणा पर तो कभी बीजेपी पर. खुद कुछ नहीं करती. इन लोगों को प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से छुट्टी मिले तभी ये लोग कोई काम करेंगे, लेकिन इन लोगों को प्रेसवार्ता करने से ही छुट्टी ही नहीं मिल पा रही है.“

गौरतलब है कि दिल्ली में जल संकट अपने चरम पर है. दिल्ली की जनता केजरीवाल सरकार से यही सवाल कर रही है कि हमें इस संकट से कब छुटकारा मिलेगा. उधर, दिल्ली सरकार का आरोप है कि हरियाणा की ओर से अपर्याप्त मात्रा में दिल्ली को पानी उपलब्ध कराया जा रहा है, जिस पर बीजेपी का कहना है कि हरियाणा की ओर से तो दिल्ली को पर्याप्त मात्रा में ही पानी दिया जा रहा है, लेकिन दिल्ली सरकार के संरक्षण में पल रहे टैंकर माफिया पानी चुरा रहे हैं, जिसकी वजह से लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है.

बीते दिन इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई थी. कोर्ट ने इसे लेकर दिल्ली सरकार से कई तीखे सवाल पूछे थे. कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से सवाल किया था कि आखिर आपने दिल्ली में पानी संकट खत्म करने के लिए क्या कदम उठाया? जब आपको पता था कि हर साल गर्मी के दस्तक के साथ ही दिल्ली में पानी का संकट पैदा हो जाता है, तो आपने पहले से ही कोई कदम क्यों नहीं उठाया? इस संबंध में बीजेपी नेता वीरेंद्र सचदेवा ने कहा था कि हर साल पानी संकट से निपटने के लिए ‘समर एक्शन प्लान’ तैयार किया जाता है, जिसकी बैठक मार्च में होती है, लेकिन इस बार बैठक तो दूर कोई एक्शन प्लान तक तैयार नहीं किया गया.

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