गुवाहाटी, 13 जून . हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में भाजपा या अन्य दलों के उम्मीदवारों का खुलकर समर्थन करने वाले कांग्रेस के पांच विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए पार्टी कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी. यह बात असम कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने कही.
मुस्लिम बाहुल्य करीमगंज लोकसभा सीट भाजपा के जीतने पर कई लोगों का मानना है कि कांग्रेस के दो विधायक–कमलाख्या डे पुरकायस्थ और सिफदेक अहमद ने यहां से भाजपा के लिए प्रचार किया. इसके चलते भाजपा ने यहां आश्चर्यजनक प्रदर्शन किया.
तीन बार विधायक रह चुके पुरकायस्थ को पिछले कुछ वर्षों में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के आलोचक के रूप में देखा जाता था. लेकिन इस साल फरवरी में उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दिए बगैर भाजपा सरकार के समर्थन की घोषणा की.
चुनाव पर नजर रखने वालों के अनुसार, कमलाख्या डे पुरकायस्थ मुस्लिम वोटों के एक वर्ग को भाजपा के पक्ष में आकर्षित कर सकते हैं.
सिफदेक अहमद दूसरे कांग्रेस विधायक हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनाव में भाजपा के लिए काम किया. तरुण गोगोई के नेतृत्व वाली सरकार में एक बार मंत्री रहे अहमद को कांग्रेस पार्टी में एक प्रमुख मुस्लिम चेहरे के रूप में देखा जाता था.
पुरकायस्थ और अहमद दोनों की भूमिकाओं के कारण कांग्रेस को इस बार करीमगंज लोकसभा सीट गंवानी पड़ी. इस सीट को विपक्ष के लिए अनुकूल माना जाता था.
दो अन्य विधायक शाहिलता दास और बसंत दास ने भी अपने निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा उम्मीदवारों का समर्थन किया, जबकि कांग्रेस से निलंबित शेरमन अली अहमद ने एआईयूडीएफ की ओर से काम किया.
कांग्रेस पार्टी की राज्य इकाई ने पहले ही असम विधानसभा के अध्यक्ष से इन पांच विधायकों को अयोग्य घोषित करने की अपील की है.
असम कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन बोरा ने से कहा, “हम विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं. अगर वह इन पांचों विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने से इनकार करते हैं, तो हम अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे.”
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