नई दिल्ली, 22 मई . केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को से खास बातचीत की. इसमें उन्होंने पीओके पर भारत के रूख को एक बार फिर साफ करने के साथ ही पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी द्वारा राहुल गांधी की तारीफ, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से बदसलूकी और मारपीट मामले सहित कई मुद्दों पर खुलकर अपनी राय रखी. यहां पढ़िए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से विशेष बातचीत के प्रमुख अंश.
सवाल :- 2014 के बाद ऐसा क्या हुआ कि रक्षा निर्यात को पंख लग गए?
जवाब :- 2014 के पहले पूरी तरह से जो भी सरकारें थी, वह दुनिया के दूसरे देशों पर रक्षा के मामले में निर्भर थी. लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद उन्होंने फैसला किया कि हर क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनना चाहिए. तभी से रक्षा क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता का यह सिलसिला प्रारंभ हुआ. विगत कुछ वर्षों के अंदर मैं कह सकता हूं कि बड़ी तेजी से हम लोग आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़े हैं और यहां जब 2014 के आसपास केवल 600-800 करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट होता था. आज हम 21,000 करोड़ से अधिक का एक्सपोर्ट कर चुके हैं और यह हमारी कोशिश है कि अगले पांच वर्ष के समाप्त होते-होते हमारा रक्षा निर्यात (डिफेंस एक्सपोर्ट) लगभग 50,000 करोड़ को क्रॉस कर जाए.
सवाल :- क्या आपको लगता है कि आर्थिक आधार पर आरक्षण होना चाहिए?
जवाब :- जो आरक्षण की व्यवस्था है, वह अपने आप में बिल्कुल सही है और बहुत सोच-समझकर आरक्षण की व्यवस्था की गई है. आपने देखा होगा कि पिछड़े वर्ग के लिए जो आरक्षण की व्यवस्था है, उसको हम लोगों ने संवैधानिक अधिकार दिया है. पहले की सरकारों से बराबर उस वर्ग के लोगों द्वारा मांग होती रही. लेकिन, उन लोगों ने इसको पूरा नहीं किया, जिसे हम लोगों ने पूरा किया और मैं समझता हूं कि आरक्षण की व्यवस्था आगे भी जारी रहेगी. हां, धर्म के आधार पर आरक्षण हमें किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं है. यह इसलिए स्वीकार नहीं है कि भारत के संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है.
सवाल :- मनीष सिसोदिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी पर आपका क्या कहना है, स्वाति मालीवाल के मुद्दे पर केजरीवाल खामोश हैं?
जवाब :- सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर कोई कमेंट नहीं कर सकता हूं. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि बहुत सोच-समझकर किया है और जहां तक आम आदमी पार्टी का प्रश्न है, मैं कहना चाहूंगा कि आम आदमी पार्टी ने इतना बड़ा विश्वास का संकट भारत की राजनीति में पैदा किया है. शायद ही किसी राजनीतिक पार्टी ने जनता के लिए इतना विश्वास का संकट पैदा किया हो. अरविंद केजरीवाल, अन्ना हजारे के साथ आंदोलन में थे. अन्ना हजारे कहते रहे कि आंदोलन समाप्त होने के बाद पॉलिटिकल पार्टी नहीं बनानी चाहिए? एक बार उन्होंने (अरविंद केजरीवाल) कहा कि पार्टी नहीं बनाएंगे, फिर बाद में राजनीतिक पार्टी बना ली. उस समय अन्ना हजारे ने अपनी नाराजगी भी व्यक्त की थी. अरविंद केजरीवाल कहते थे कि अगर हमारी सरकार बनी और मैं मुख्यमंत्री बनूंगा तो कभी भी सरकारी आवास में नहीं रहूंगा. लेकिन, उन्होंने करोड़ों रुपए का शीशमहल तैयार करवा लिया. जिस प्रकार से मुख्यमंत्री आवास पर एक महिला के साथ उत्पीड़न हुआ, उसे लात-घूंसे मारे गए. अजीबो-गरीब स्थिति पैदा हो गई. उसके बाद जिस निजी सचिव ने इस घटना को अंजाम दिया. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उसी बिभव कुमार को लेकर लखनऊ में घूम रहे थे. चाहे कोई परिवार हो, बिना लाज-शर्म के नहीं चल सकता, समाज भी बिना लाज-शर्म के नहीं चल सकता और इस देश का लोकतंत्र भी बिना लोक-लाज के नहीं चल सकता. इस हकीकत को समझना चाहिए और जितना बड़ा अपराध उन लोगों ने किया है. मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं कि देश की अदालत में इंसाफ होकर रहेगा और इंसाफ हो रहा है.
सवाल :- आपने कहा 2029 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री रहेंगे, जबकि, विपक्ष कह रहा है कि 2024 में बीजेपी 272 सीटें भी नहीं ला पाएगी?
जवाब :- विपक्ष के लोग उल्टे-सीधे बयान देते रहते हैं. वह कह रहे हैं कि 2024 में नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे. क्या विपक्ष दूसरों के लिए वोट मांग रहा है? नरेंद्र मोदी 2024 में भी प्रधानमंत्री रहेंगे और 2029 में भी रहेंगे. यह फैसला करने वाले वह कौन होते हैं? यह फैसला तो एनडीए के लिए हम लोगों को करना है.
सवाल :- क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बीजेपी की रणनीति तैयार करने में अपनी भूमिका अदा करता है?
जवाब :- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राजनीतिक पार्टी के लिए रणनीति नहीं बनाती है. मैं स्पष्ट कर दूं कि मैं मूलतः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्वयंसेवक हूं और मैं आरएसएस की विचारधारा से केवल प्रभावित ही नहीं हूं, उसे आत्मसात किया है और मैं राजनीतिक रूप से एक राजनीतिक पार्टी, भारतीय जनता पार्टी में काम कर रहा हूं. यह कहने में मुझे जरा भी संकोच नहीं है. आरएसएस, भारतीय जनता पार्टी की जो कार्यक्रम और नीतियां होती हैं, उनको प्रभावित कभी नहीं करता. मैंने ऐसा कभी नहीं देखा है. हां, कभी किसी ने कोई सुझाव मांगा तो देशहित में उन्हें जो लगा कि किसी राजनीतिक पार्टी को देशहित में सुझाव दिया जाना चाहिए, वह सुझाव देते हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कभी भाजपा के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं किया है.
सवाल :- क्या बसपा सुप्रीमो मायावती एनडीए का हिस्सा बनेंगी?
जवाब :- इसका फैसला तो उनको (मायावती) ही करना होगा. इसके संबंध में मैं कोई भविष्यवाणी नहीं कर सकता हूं.
सवाल :- क्या ठाकुरों (राजपूतों) में भाजपा को लेकर नाराजगी है?
जवाब :- यह बिल्कुल बेबुनियाद, निराधार है. जब सारी बातें हैं और आपने देखा होगा, ऐसा कोई चुनाव नहीं है, जब किसी चुनाव में कहा जाता है ब्राह्मण नाराज हो गया है, कभी कहा जाता है जाट नाराज हो गया. किसी चुनाव में देखा जाता है कि क्षत्रिय नाराज हो गया. इस प्रकार की अफवाह जनता को गुमराह करने के लिए लोग समय-समय पर फैलाते रहते हैं. कोई नाराज नहीं है. हमें सभी का समर्थन प्राप्त हुआ. हम सब जात-पात की राजनीति नहीं करते हैं. हम लोग इंसाफ और इंसानियत की राजनीति करते हैं.
सवाल :- क्या एनडीए ‘400 पार’ का संकल्प पूरा कर पाएगी?
जवाब :- एनडीए का 400 पार का संकल्प है, हम उसे पूरा करेंगे. पांच चरणों के चुनाव संपन्न हुए हैं. अभी तक जो रुझान मिल रहे हैं, उससे यह स्पष्ट होता जा रहा है कि हमने जो 400 पार का लक्ष्य निर्धारित किया है, उस लक्ष्य को हासिल करेंगे.
सवाल :- पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी द्वारा राहुल गांधी की तारीफ करने की क्या वजह आप मानते हैं?
जवाब :- पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने कहा था कि राहुल गांधी ऑन फायर. मुझे आश्चर्य हुआ. उसी फवाद चौधरी ने यह भी कहा था कि उरी और पुलवामा में जो आतंकी घटना हुई थी, वह पाकिस्तान की सरकार ने कराई थी. वह अब राहुल गांधी की प्रशंसा कर रहे हैं. मैं समझता हूं कि इस चुनाव में देश उसका फैसला कर देगा. राहुल को लेकर भारत की राजनीति में चिंता करने की किसी को कोई जरूरत नहीं है. मैं किसी के बारे में कोई अनुचित टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं. लेकिन, इससे भारतीय जनता पार्टी को कोई परेशानी और कोई चिंता नहीं है. राजनीति में बहुत लोग काम करते रहते हैं और वह भी काम कर रहे हैं.
सवाल :- क्या पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर भविष्य में सरकार की क्या योजना है या कोई बड़ी कार्रवाई होगी?
जवाब :- पीओके हमारा था, है और रहेगा. मुझे लगता है कि आगे उसकी नौबत नहीं आएगी. पीओके के लोग सामने आकर खुद मांग करेंगे कि हम भारत के साथ जाना चाहते हैं. जिस तरीके से जम्मू-कश्मीर का विकास हो रहा है और जिस तरीके से अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत का कद ऊंचा हुआ है, भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है और हमारे देश की अर्थव्यवस्था जितनी तेजी से आगे बढ़ रही है, आज हम दुनिया के देशों में टॉप पांच में पहुंच गए हैं, जो पहले 11वें स्थान पर थी. आज सारे फाइनेंशियल फर्म, इंटरनेशनल फाइनेंशियल बड़े-बड़े अर्थशास्त्री यह दावा कर रहे हैं कि 2027 आते-आते हमारे देश की अर्थव्यवस्था दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगी. यह सब सारी चीजें पाकिस्तान के हमारे जितने भाई हैं, वो देख रहे हैं, उनको भी लगता है कि पाकिस्तान के जो हुक्मरान हैं, वह कुछ करने की स्थिति में नहीं हैं. पीओके के लोग कम से कम हमारे हैं. मुझे ऐसा लगता है कि वह खुद ही कहेंगे हमारा विलय भारत के अंदर होना चाहिए. आपने देखा होगा कि कुछ दिनों पहले पीओके में पाकिस्तान के झंडे उतारे जा रहे थे.
सवाल :- विदेशी मीडिया आरोप लगाती है कि भारत, पाकिस्तान की धरती पर जाकर आतंकवादियों पर कार्रवाई कर रहा है, क्या यह अपने हितों की रक्षा करने वाला एक नया मुखर भारत है?
जवाब :- हर देश को अपने हितों की रक्षा करनी चाहिए और भारत अपने हितों की रक्षा करता है. मैं कहता हूं कि हमारी एलओसी है. कोई आतंकवादी आता है. बड़ी वारदात करके चला जाता है और हमारी सेना अथवा हमारे पैरामिलिट्री फोर्स के जवान उन्हें खदेड़ते हैं. थोड़ा बाहरी सीमा के उस पार चला जाएगा तो क्या फिर हम अब अपनी गन एकदम सीधी कर लेंगे. क्या उसपर फायर नहीं करेंगे? मैं कहता हूं कि आतंकवाद के मुद्दे पर पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इसका संज्ञान लेना चाहिए और गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए और देखना चाहिए कि इस प्रकार के आतंकवादियों को पाकिस्तान क्यों प्रश्रय दे रहा है और इस आतंकवादी गतिविधियों को पाकिस्तान की सरकार नहीं रोक सकती है. हम लोगों का सहयोग प्राप्त कर, आतंकवादियों को समाप्त करेंगे.
सवाल :- क्या हम दुनिया के सबसे बड़े डिफेंस एक्सपोर्टर की रेस में भी आगे आ सकते हैं?
जवाब :- 2047 तक भारत को विकसित बनाना है. तब तक इस संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता है कि हम भी एक बहुत बड़े डिफेंस आइटम्स के एक्सपोर्टर बन जाएंगे. लेकिन, हम तुरंत नंबर एक पर पहुंच जाएंगे, यह मैं नहीं कह रहा हूं. लेकिन, हमारी कोशिश यही है कि भारत सबसे बड़ा डिफेंस एक्सपोर्टर बने. डिफेंस सेक्टर में ही नहीं, बल्कि और भी जितने क्षेत्र हैं, उन क्षेत्रों में भी भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है. हम भारत को विश्व की महाशक्ति बनाना चाहते हैं. लेकिन, दुनिया में किसी देश पर आक्रमण करने के लिए नहीं. दुनिया के किसी देश पर कब्जा करने के लिए नहीं. बल्कि, हम विश्व की महाशक्ति विश्व के कल्याण के लिए बनना चाहते हैं.
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एसके/