नई दिल्ली, 21 मई . पेरिस ओलंपिक से पहले भारतीय कुश्ती संघ ने बड़ा फैसला लिया है, जिससे एक बार फिर डब्ल्यूएफआई और पहलवानों के बीच ठन गई है. हालांकि, इस फैसले से विनेश फोगाट समेत 6 पहलवानों का रास्ता पेरिस ओलंपिक के लिए साफ हो गया है. भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष संजय सिंह ने को बताया कि सात सदस्यीय चयन समिति ने पेरिस ओलंपिक के लिए कोई ट्रायल आयोजित नहीं करने का फैसला किया है.
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष संजय सिंह ने बताया कि सात सदस्यीय चयन समिति ने पेरिस ओलंपिक के लिए कोई ट्रायल आयोजित नहीं करने का फैसला किया है.
संजय सिंह ने कहा, “पेरिस ओलंपिक के लिए कुश्ती में कोई ट्रायल नहीं कराने का फैसला किया गया है, इसलिए सभी छह कोटा धारक 2024 ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.”
हालांकि, सूत्रों ने को बताया कि एक सीनियर भारतीय पहलवान इस फैसले से खुश नहीं है और डब्ल्यूएफआई द्वारा दिए गए फैसले को चुनौती देने के लिए कोर्ट की तरफ रूख किया है.
इस बीच, पेरिस ओलंपिक कोटा विजेता अंतिम पंघाल के परिवार ने डब्ल्यूएफआई के फैसले का स्वागत किया और कहा कि वे ओलंपिक पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे.
परिवार के एक सदस्य ने को बताया, “अब वे बिना किसी तनाव के ओलंपिक पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं, डब्ल्यूएफआई को बहुत-बहुत धन्यवाद. अंतिम वर्तमान में साई हिसार केंद्र में प्रशिक्षण ले रहे हैं.”
2024 खेलों में भारत के दल में छह पहलवान होंगे और पांच कोटा महिलाओं के माध्यम से आएंगे. अमन सहरावत और निशा दहिया ने इस्तांबुल, तुर्की में विश्व ओलंपिक कुश्ती क्वालीफायर में भारत के कोटा की संख्या छह तक पहुंचा दी.
50 किग्रा वर्ग में विनेश फोगाट, 53 किग्रा में अंतिम पंघाल, 57 किग्रा में अंशू मलिक और 76 किग्रा वर्ग में रीतिका हुडा पहले ही अलग-अलग क्वालीफाइंग स्पर्धाओं में पेरिस खेलों के लिए क्वालीफाई कर चुके थे.
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एएमजे/आरआर