नई दिल्ली, 19 मई . दवा बनाने वाली कंपनियां डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, सन फार्मा और अरबिंदो फार्मा उत्पादन संबंधी मुद्दों के कारण अमेरिकी बाजारों से अपनी दवाएं वापस मंगा रही हैं.
यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (यूएसएफडीए) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज जेवीगेटर (सैप्रोप्टेरिन डाइहाइड्रोक्लोराइड) पाउडर फॉर ओरल सॉल्यूशन (100 मिलीग्राम) को वापस ले रही है.
सैप्रोप्टेरिन डाइहाइड्रोक्लोराइड का उपयोग हाइपरफेनिलएलनिनमिया (एचपीए) के इलाज के लिए किया जाता है. इसका उपयोग रक्त में फेनिलएलनिन की बढ़ी हुई मात्रा को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है.
कंपनी सैप्रोप्टेरिन डाइहाइड्रोक्लोराइड की अतिरिक्त खेप भी वापस मंगा रही है.
यूएसएफडीए के अनुसार, कंपनी ने आठ अप्रैल से अमेरिका के बाजार से दवाओं को वापस लेना शुरू किया.
इसके अलावा सन फार्मा एम्फोटेरिसिन बी लिपोसोम की 11,016 बोतलों को वापस ले रही है. इसका उपयोग फंगल संक्रमण के इलाज के लिए किया जाता है.
कंपनी ने 19 अप्रैल से दवाओं को वापस लेना शुरू किया.
इसी तरह, अरबिंदो फार्मा अमेरिकी बाजार से क्लोराज़ेपेट डिपोटेशियम टैबलेट (3.75 मिलीग्राम और 7.5 मिलीग्राम) की 13,605 बोतलें वापस मंगा रही है. क्लोराज़ेपेट डिपोटेशियम टैबलेट का उपयोग चिंता, तनाव आदि के इलाज के लिए किया जाता है.
यूएसएफडीए के अनुसार, रंग बदलने व इस पर बिंदीदार और पीले धब्बेे के कारण इन गोलियों को 24 अप्रैल से वापस लिया जा रहा है.
इसके अतिरिक्त, यूएसएफडीए के मुताबिक एफडीसी लिमिटेड टिमोलोल मैलेट ऑप्थेलमिक सॉल्यूशन की 382,104 यूनिट को बाजार से वापस लिया जा रहा है. इसका उपयोग ग्लूकोमा के इलाज के लिए किया जाता है. बताया जा रहा है कि दवा के डिब्बे मानक के अनुरूप नहीं थे.
गौरतलब है कि इस माह के शुरू में दवा कंपनी सिप्ला और ग्लेनमार्क ने भी उत्पादन संबंधी मुद्दों के कारण अमेरिकी बाजार से अपने उत्पाद वापस ले लिए थे.
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