नई दिल्ली, 17 मई . भू-राजनीतिक और पर्यावरणीय खतरों के बावजूद, शुक्रवार को एक नए अध्ययन से पता चला है कि 2050 तक वैश्विक औसत उम्र पुरुषों में 4.9 साल और महिलाओं में 4.2 साल बढ़ने की उम्मीद है.
हालांकि, द लांसेट जर्नल में प्रकाशित ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी (जीबीडी) 2021 के ताजा निष्कर्षों के आधार पर अध्ययन से पता चला है कि लोग अपने जीवन के कई साल खराब स्वास्थ्य में गुजारेंगे.
शोधकर्ताओं ने इसके लिए गैर-संचारी बीमारियों (एनसीडी) जैसे हृदय रोग, कैंसर, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज और डायबिटीज की ओर बढ़ते बदलाव को जिम्मेदार ठहराया.
अनुमान है कि 2050 में वैश्विक औसत उम्र बढ़कर 78.1 वर्ष (4.5 वर्ष की वृद्धि) हो जाएगी. एक व्यक्ति द्वारा अच्छे स्वास्थ्य में जीने की औसत उम्र की संख्या 2050 में बढ़कर 67.4 वर्ष (2.6 वर्ष की वृद्धि) हो जाएगी.
वाशिंगटन विश्वविद्यालय में हेल्थ मेट्रिक्स साइंसेज के अध्यक्ष और इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूएशन (आईएचएमई) के निदेशक क्रिस मरे ने कहा, ”समग्र रूप से औसत उम्र में वृद्धि के अलावा, हमने पाया है कि विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में उम्र में असमानता कम हो जाएगी.”
मरे ने कहा कि वैश्विक बीमारी में तेजी से कमी लाने का सबसे बड़ा अवसर नीतिगत हस्तक्षेप के माध्यम से है, जिसका उद्देश्य जोखिम कारकों को रोकना और कम करना है.
उन्होंने कहा, ”हमारे लिए इन बढ़ते आहार संबंधी जोखिम कारकों, खास तौर से हाई ब्लड शुगर, हाई बॉडी मास इंडेक्स और हाई ब्लड प्रेशर जैसे व्यवहार और जीवनशैली से संबंधित कारकों से आगे निकलकर वैश्विक स्वास्थ्य के भविष्य को प्रभावित करने का अपार अवसर है.”
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