सुल्तानपुर, 11 मई . भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की वरिष्ठ नेता और गांधी परिवार की बहू मेनका गांधी अभी सुल्तानपुर से सांसद हैं. भाजपा ने उन्हें फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है. वह, प्रचार में नुक्कड़ सभाएं तो कर ही रहीं हैं, दरवाजे-दरवाजे जाकर लोगों से व्यक्तिगत रूप से भी मिल रही हैं. वह कहती हैं कि लोगों से सीधा संवाद ही जीत पक्की करती है. अपने बेटे वरुण गांधी के बारे में मेनका गांधी ने कहा कि उनका कद बड़ा है. उनके भविष्य की कोई चिंता नहीं है.
उन्होंने से विभिन्न मुद्दों पर खुलकर बातचीत की. पेश है बातचीत के कुछ अंश :
सवाल : वरुण गांधी इस चुनाव में आपकी कैसे मदद कर रहे हैं?
जवाब : वरुण इस चुनाव में आना चाहते हैं, लेकिन अभी मौसम के कारण उन्हें परेशान नहीं करना चाहती हूं. फिलहाल, प्रचार अच्छा चल रहा है. अगर जरूरत पड़ेगी तो देखेंगे.
सवाल : वरुण गांधी के राजनीतिक भविष्य को लेकर आप कितनी चिंतित है?
जवाब : उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर बिल्कुल भी चिंतित नहीं हूं. वरुण का कद बड़ा है. उनमें अक्ल और धैर्य भी है. वह देश से प्यार भी करते हैं. जो भी करेंगे, अच्छा करेंगे.
सवाल : भारतीय जनता पार्टी को इस चुनाव में आप कितनी सीटों पर विजयी होते देख रही हैं?
जवाब : पार्टी ने 400 पार का लक्ष्य रखा है. अच्छा होगा अगर लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं. यदि मैं ज्योतिषी होती तो कितना मजा आता. नहीं! (हंसते हुए)
सवाल : रायबरेली और अमेठी को गांधी परिवार का गढ़ माना जाता है, लेकिन कांग्रेस सिर्फ एक सीट पर सीमित है, इसे कैसे देखती हैं?
जवाब : एक सीट से चुनाव लड़ तो रहे हैं न. अमेठी के बारे मैं कौन होती हूं कुछ कहने वाली. मैं तो अपने तक ही सीमित हूं.
सवाल : विपक्ष बार-बार आरोप लगा रहा है कि आपके पास कोई मुद्दा नहीं है. भाजपा, ध्रुवीकरण की कोशिश कर रही है?
जवाब : सुल्तानपुर में विकास के बारे में बोलकर चुनाव लड़ रहे हैं. कोई ध्रुवीकरण जैसी बात नहीं है.
सवाल : यहां पर उद्योग विकसित करने के बारे में आप क्या सोच रही हैं?
जवाब : इस इलाके को इंडस्ट्रियल बेस बनाने का कोई फायदा नहीं है. अमेठी में ऐसा करके हम देख चुके है. वहां फेल हो चुके हैं. इसकी जगह जयसिंह पुर में छोटे उद्योग को विकसित कर रहे हैं. हालांकि इसकी जगह कृषि विज्ञान केंद्र विकसित करने की भी सोच रही हूं. मेंहदी और बांस के काम को बढ़ावा देकर हम करोड़ों रुपए कमा सकते हैं. लोगों को अच्छा रोजगार भी मिल जायेगा.
सवाल : 2019 के बाद इस चुनाव को कैसे देख रही हैं?
जवाब : जब मैं यहां चुनाव लड़ने आई थी तो मुझे कोई जानता नहीं था. समय बहुत कठिन था. प्रतिद्वंदी दो दल, एक साथ मिलकर लड़ रहे थे. इस बार मुझे लोग अच्छे से जानते हैं. यहां लगातार मैं लोगों के बीच रही हूं. अब सुल्तानपुर में कानून व्यवस्था और अन्य बिगड़ी चीजें काबू में है. यह पीलीभीत की तरह शांत है.
सवाल : 2019 की अपेक्षा इस बार कितने मार्जिन से जीतने की संभावना है?
जवाब : इस चीज पर मेरा विश्वास नहीं है. जीत, जीत होती है. अगर मौसम ठीक रहा तो लोग ज्यादा निकलते हैं. खराब रहा तो कम.
सवाल : पहले और दूसरे चरण में चुनाव का प्रतिशत घटने के बारे में क्या कहना है?
जवाब : आमतौर पर हर चुनाव में मतदान प्रतिशत 60 से 70 फीसदी के बीच रहता है. यह चुनाव भी अलग नहीं है. कुछ जगह यह 48-50 प्रतिशत मतदान हुआ है, यह आमतौर पर शहरों में हुआ है; क्योंकि लोग यहां बाहर आना ही नहीं चाहते.
सवाल : अभी तक कितना प्रचार हो चुका है?
जवाब : 35 दिन में 500 से ज्यादा गांवों में जाकर लोगों से सीधा संवाद कर चुकी हूं. हम विकास व सुशासन के मुद्दे पर चुनाव मैदान में हैं.
सवाल : सुल्तानपुर में काम करने की रणनीति कैसे है, कितने काम हुए ?
जवाब : यहां बहुत सारे काम हो चुके हैं. जो शेष हैं, इस बार पूरे होंगे. 60 कामों की लिस्ट मैंने बनाई थी. उन्हें अधिकारियों को दिया था. उनमें से कुछ काम घटते बढ़ते हैं. अलग अलग विभागों में हम संपर्क करते हैं और फिर उस पर काम होता है. इनमें सड़क चौड़ीकरण से लेकर नई सड़क बनाने तक के काम शामिल हैं.
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