गोवा के स्पीकर ने पूर्व सीएम कामत और विधायक लोबो के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिका खारिज की

पणजी, 9 मई . गोवा विधानसभा अध्यक्ष रमेश तवाडकर ने गुरुवार को पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत और विधायक माइकल लोबो के खिलाफ कांग्रेस द्वारा दायर अयोग्यता याचिका को खारिज कर दिया.

गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमित पाटकर ने 11 जुलाई, 2022 को अपने तत्कालीन दो नेताओं दिगंबर कामत और माइकल लोबो के खिलाफ पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए अयोग्यता याचिका दायर की, जो बाद में भाजपा में शामिल हो गए.

मीडियाकर्मियों से बात करते हुए अमित पाटकर ने कहा कि परिणाम अपेक्षित था, क्योंकि अध्यक्ष भाजपा सरकार के निर्देशों पर काम करते हैं.

पाटकर ने कहा, “हमारी कानूनी टीम मूल्यांकन कर रही है कि आगे क्या करना है. हम मांग करते हैं कि स्पीकर दल बदलने वाले आठ विधायकों के खिलाफ दायर अन्य अयोग्यता याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करें.”

उन्होंने कहा कि स्पीकर ने हाईकोर्ट में हलफनामा देकर कहा है कि इस याचिका का निपटारा होने के बाद लंबित याचिकाओं पर सुनवाई होगी.

पाटकर ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, उसे 90 दिनों के भीतर इन याचिकाओं पर फैसला करना होगा. फिर भी, अगर वह विफल रहता है तो हम आगे कानूनी उपाय करेंगे.”

जुलाई 2022 में कांग्रेस ने माइकल लोबो को विपक्ष के नेता के पद से हटा दिया और आरोप लगाया कि उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत के साथ मिलकर कांग्रेस विधायकों को विभाजित करने के लिए भाजपा को धोखा देकर साजिश रची थी.

पाटकर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया है कि पार्टी विरोधी गतिविधियां स्वेच्छा से पार्टी की सदस्यता छोड़ने के बराबर हैं. उन्होंने कहा, ”हमारे पास उनके खिलाफ सबूत हैं जो साबित करते हैं कि दोनों पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल थे और विधायकों को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे.”

बाद में 14 सितंबर, 2022 को पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत, माइकल लोबो, डेलिलाह लोबो, केदार नाइक, संकल्प अमोनकर, राजेश फलदेसाई, एलेक्सो सिकेरा और रुडोल्फ फर्नांडीस ने कांग्रेस का भाजपा में विलय कर दिया, जिससे 40 सदस्यीय विधानसभा सदन में कांग्रेस के 3 विधायक रह गए.

इसके बाद कांग्रेस ने 14 सितंबर को भाजपा में शामिल हुए सभी आठ विधायकों के खिलाफ स्पीकर रमेश तवाडकर के समक्ष अयोग्यता याचिका दायर की थी.

इन 8 विधायकों के खिलाफ पूर्व एआईसीसी सचिव गिरीश चोडनकर और डोमिनिक नोरोन्हा द्वारा दो और व्यक्तिगत याचिकाएं दायर की गईं.

यह दावा करते हुए कि इन 8 विधायकों का विलय अमान्य है, चोडनकर ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 191 (2) अनुसूची के पैरा 2 आर/डब्ल्यू पैरा 2 (1) (ए) के तहत उन्हें गोवा राज्य विधानसभा के सदस्यों के रूप में अयोग्य घोषित करने का अनुरोध किया था.

कांग्रेस नेताओं ने कई मौकों पर आरोप लगाया है कि रमेश तवाडकर इन याचिकाओं की सुनवाई में देरी कर रहे हैं.

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