नई दिल्ली, 8 मई . जैब की वैश्विक वापसी पर ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मा दिग्गज द्वारा जारी की एक रिपोर्ट के बीच विशेषज्ञों ने बुधवार को कहा कि एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन का जोखिम-लाभ इस समय आगे के उपयोग के खिलाफ है.
फरवरी में यूके की अदालत में इस वैक्सीन के संभावित दुष्प्रभाव – थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक सिंड्रोम (टीटीएस), एक दुर्लभ रक्त के थक्के विकार की बात स्वीकार करने के बाद दवा निर्माता ने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सहयोग से बनाई गई अपनी कोविड-19 वैक्सीन को दुनिया भर से वापस मंगाया गया है.
टेलीग्राफ ने बताया कि एस्ट्राजेनेका ने स्वेच्छा से अपने कोविड वैक्सीन का “मार्केिटंग ऑथोराइजेशन” वापस ले लिया, जिसे भारत में कोविशील्ड और यूरोप में वैक्सजेवरिया के रूप में बेचा गया था.
हालांकि अब इसका उपयोग यूरोपीय संघ में नहीं किया जा सकता. कंपनी ने कहा कि वह वैश्विक बाजार से वैक्सीन की निकासी शुरू करेगी.
अशोक विश्वविद्यालय में त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज के डीन अनुराग अग्रवाल ने को बताया, “यह अब उपयोगी टीका नहीं है. वायरस बदल गया है. जोखिम-लाभ इस समय इसके आगे उपयोग के खिलाफ है.”
पी.डी. हिंदुजा अस्पताल और एमआरसी, मुंबई में सलाहकार पल्मोनोलॉजिस्ट और महामारीविज्ञानी, लांसलॉट पिंटो ने कहा, “भारत में इस समय कोविड के गंभीर मामले नहीं के बराबर हैं. शायद हाइब्रिड और हर्ड इम्युिनटी के संयोजन के कारण संभावित जोखिमों और लाभों पर चर्चा के बाद एस्ट्राजेनेका के वैक्सीन के टीकाकरण का निर्णय लिया जाना चाहिए. यह विशेष रूप से युवा और कम जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए.”
रिपोर्ट में कहा गया है, कंपनी को कोविड-19 महामारी के दौरान साठ लाख से अधिक लोगों की जान बचाने का श्रेय दिया जाता है. इसने “फरवरी में हाईकोर्ट में पेश एक कानूनी दस्तावेज में स्वीकार किया कि उसकी कोविड वैक्सीन ‘बहुत ही दुर्लभ मामलों में टीटीएस का कारण बन सकती है.”
टीटीएस एक दुर्लभ दुष्प्रभाव है, जिसके कारण लोगों में रक्त के थक्के बन सकते हैं और रक्त में प्लेटलेट की संख्या कम हो सकती है और यह यूके में कम से कम 81 मौतों के साथ-साथ सैकड़ों गंभीर मामलों से जुड़ा हुआ है.
लैंसलॉट ने को बताया कि टीटीएस “संभवतः एडेनोवायरस वेक्टर के कारण होता है”.
उन्होंने कहा, “अगस्त 2021 तक किए गए अध्ययनों सहित एक व्यवस्थित समीक्षा में दुनियाभर में 167 रिपोर्ट किए गए मामले पाए गए. ऐसा माना जाता है कि 60 साल या उससे अधिक उम्र के प्रति 100,000 लोगों में से 2 को एस्ट्राजेनेका का टीका लगाया गया था, 60 साल से कम उम्र के प्रति 100,000 लोगों पर 2-3 लोगों को एस्ट्राजेनेका का टीका लगाया गया था.” .
डॉक्टर ने कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि दुष्प्रभाव आम तौर पर टीकाकरण के 6 सप्ताह के भीतर दिखाई देते हैं और पहली खुराक के बाद लक्षण आम होते हैं.
मॉडलिंग अनुमान के अनुसार, कोविड टीकाकरण ने पहले वर्ष में 1.44-1.98 करोड़ लोगों की जान बचाई, जिससे मृत्युदर में 63 फीसदी की कमी आई.
इस बीच, एस्ट्राजेनेका ने एक बयान में कहा कि वैक्सीन की वापसी “व्यावसायिक कारणों” से हुई है. इसमें कहा गया है कि कई कोविड वेरिएंट और संबंधित टीकों के साथ यह “उपलब्ध अद्यतन टीकों का अधिशेष है”.
–
एसजीके/