लखनऊ, 8 मई . यूपी में आपदा प्रबंधन के डाटा एनालिसिस को लेकर एक मजबूत वर्कफोर्स तैयार करने की कवायद हो रही है.
लखनऊ स्थित भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपल आईटी) में राहत आयुक्त कार्यालय के सहयोग से एमएससी इन डाटा साइंस विद स्पेशलाइजेशन इन क्लाइमेट डाटा एनालिटिक्स कोर्स की शुरुआत की गई है.
इसका शुभारंभ यूपी के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने किया. यह कोर्स ट्रिपल आईटी द्वारा संचालित किया जाएगा, जिसमें छात्रों को डाटा एनालिसिस के लिए डाटा राहत आयुक्त कार्यालय से कैंपस में निर्मित क्लाइमेट रेजिलिएंट ऑब्जर्वेटरी (सीआरओ) से प्रदान किया जाएगा. ऑब्जर्वेटरी के माध्यम से प्रदेश में क्लाइमेट से संबंधित जो भिन्न-भिन्न प्रकार के डाटा प्राप्त किए जा रहे हैं, उनकी एनालिसिस तथा उसके आधार पर पूर्वानुमानित प्रतिक्रिया आपदा प्रबंधन के लिए राज्य सरकार को मदद प्रदान करेगी.
ट्रिपल आईटी लखनऊ के प्रोफेसर दीपक कुमार ने बताया कि देश और दुनिया में बहुत कम लोग हैं, जो क्लाइमेट डेटा को स्पेशिफिकली एनालिसिस करते हैं. इस कोर्स में छात्रों को सिखाया जाएगा कि क्लाइमेट डाटा पर कैसे काम करें और कैसे एआई और मशीन लर्निंग की मदद से प्रेडिक्शन करके लोगों को जागरूक करें. यह अपने तरीके का पहला कोर्स है, जिसमें छात्र रियल टाइम डाटा पर काम करेंगे. इसमें सीआरओ हमारे लिए मददगार होगा. वो हमें प्रदेश भर के क्लाइमेट से संबंधित डाटा को प्रदान करेगा, जिस पर छात्र काम करेंगे.
उन्होंने बताया कि डाटा मिलने के बाद इसे एनालिसिस करने के लिए हमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग लगानी पड़ेगी. इसके लिए भी सीआरओ के डेटा पर हमारे पीएचडी स्टूडेंट्स और एमएससी स्टूडेंट्स काम कर रहे हैं और डिफरेंट एआई के मॉडल्स बना रहे हैं, ताकि हम प्रेडिक्शंस कर पाएं.
कोर्स का शुभारंभ करने के साथ ही मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने क्लाइमेट रेजिलिएंट ऑब्जर्वेटरी (सीआरओ) का भी निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि इस ऑब्जर्वेटरी के माध्यम से प्रदेश में क्लाइमेट से संबंधित जो डाटा फील्ड से प्राप्त हो रहा है, उसकी एनालिसिस तथा भविष्यवाणी आपदा प्रबंधन में मददगार होगी. इससे राज्य सरकार की आपदा प्रबंधन प्रणाली को एक नई दिशा मिलेगी. आपदा से अलर्ट कर नुकसान को न्यूनतम किया जा सकता है.
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विकेटी/एबीएम