नई दिल्ली, 8 मई . इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के नस्लीय टिप्पणी वाले बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवाब दिया. पीएम मोदी ने तेलंगाना के वारंगल में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि शहजादे के फिलॉस्फर और गाइड अंकल ने बड़ा रहस्य खोला है. उन्होंने कहा कि जिनकी चमड़ी का रंग काला होता है, वो सब अफ्रीका के हैं, मतलब देश के अनेक लोगों को चमड़ी के रंग के आधार पर उन्होंने इतनी बड़ी गाली दे दी.
पीएम मोदी ने सैम पित्रोदा के नस्लीय टिप्पणी वाले बयान पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का बिना नाम लिए हमला बोलते हुए कहा कि मैं बहुत सोच रहा था, द्रौपदी मुर्मू की अच्छी प्रतिष्ठा है, आदिवासी समाज की एक प्रतिष्ठित बेटी हैं. उनको हम राष्ट्रपति बना रहे हैं. कांग्रेस उनको हराने के लिए इतनी मेहनत क्यों कर रही है. कांग्रेस आदिवासियों को क्यों नाराज कर रही है. मैं सोचता रहता था, लेकिन, मुझे समझ में नहीं आता था. शहजादे का दिमाग ऐसा फिर ठीक है तो शायद वो द्रौपदी मुर्मू का विरोध कर रहे हैं, उनको चुनाव में हराने के लिए निकल पड़ा है. लेकिन, मुझे आज पता चला. ये कांग्रेस पार्टी द्रौपदी मुर्मू जो एक आदिवासी बेटी हैं. उनको हराने के लिए क्यों मैदान में उतरे थे.
उन्होंने आगे कहा कि आज मुझे पता चला कि अमेरिका में शहजादे के एक अंकल रहते हैं, ये शहजादे के अंकल फिलॉस्फर और गाइड हैं. जैसे क्रिकेट में आजकल थर्ड अंपायर होता है, अगर कोई भी कंफ्यूजन होता है तो थर्ड अंपायर से पूछते हैं और वैसे ही ये शहजादे को कोई कंफ्यूजन होता है तो थर्ड अंपायर से सलाह लेते हैं. ये शहजादे के फिलॉस्फर और गाइड अंकल ने बड़ा रहस्य खोला है.
उन्होंने कहा कि जिनकी चमड़ी का रंग काला होता है, वो सब अफ्रीका के हैं, मतलब देश के अनेक लोगों को चमड़ी के रंग के आधार पर उन्होंने इतनी बड़ी गाली दे दी. तब जाकर मुझे समझ में आया है कि चमड़ी का रंग देखकर के उन्होंने मान लिया द्रौपदी मुर्मू भी अफ्रीकन हैं और इसलिए उनकी चमड़ी का रंग काला है तो उनको हराना चाहिए. ये सोच तो मुझे पहली बार पता चली है कि इनका दिमाग कहां काम कर रहा है. चमड़ी का रंग कोई भी हो, हम तो भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करने वाले लोग हैं. जिनकी चमड़ी का रंग यहां हम सब जैसा था.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज मैं बहुत गुस्से में हूं. मुझे कोई गाली दे, गुस्सा नहीं आता है. मैं सहन कर लेता हूं. लेकिन आज शहजादे के फिलॉस्फर ने इतनी बड़ी गाली दी है, जिसने मुझमें गुस्सा भर दिया है. क्या हमारे देश में चमड़ी के रंग के आधार पर लोगों की योग्यता तय होगी. संविधान के सिर पर नाचने वाले लोग चमड़ी के रंग के आधार पर मेरे देशवासियों का अपमान कर रहे हैं. शहजादे आपको जवाब देना पड़ेगा. चमड़ी के रंग के आधार पर मेरे देशवासियों का अपमान देश सहन नहीं करेगा और मोदी बिल्कुल नहीं करेगा.
दरअसल, सैम पित्रोदा ने भारतीयों के खिलाफ नस्लीय टिप्पणी करते हुए कहा कि उत्तर भारत के लोग तो सफेद गोरे जैसे नजर आते हैं, जबकि, पूर्वी भारत के लोग चाइनीज जैसे दिखते हैं. दक्षिण भारतीय लोग अफ्रीकी जैसे और पश्चिम भारत के लोग अरब के लोगों जैसे दिखते हैं. हालांकि, विवाद बढ़ता देख कांग्रेस ने सैम पित्रोदा ने इस बयान से किनारा करते हुए इसे उनकी निजी राय बताई.
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एसके/