नई दिल्ली, 7 मई . कनाडा के माल्टन में आयोजित ‘नगर कीर्तन’ के दौरान खालिस्तान समर्थक तत्वों के बीच में आने, भारत विरोधी नारे लगाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्टर दिखाने पर भारत ने मंगलवार को कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली सरकार से देश में आपराधिक और अलगाववादी तत्वों को सुरक्षित आश्रय और राजनीतिक स्थान प्रदान करना बंद करने का आग्रह किया गया.
सोमवार को ओंटारियो के माल्टन से रेक्सडेल तक आयोजित परेड में न सिर्फ भारत विरोधी नारे लगाए गए, बल्कि भारत के शीर्ष नेताओं को धमकी देने वाली झांकियां भी देखी गईं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक बयान में कहा, “जैसा कि आप जानते हैं, हमने कनाडा में हमारे राजनीतिक नेतृत्व के खिलाफ चरमपंथी तत्वों द्वारा इस्तेमाल की जा रही हिंसक छवियों के बारे में बार-बार अपनी मजबूत चिंताओं को उठाया है. पिछले साल हमारे पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या को दर्शाने वाली एक झांकी का इस्तेमाल एक जुलूस में किया गया था. कनाडा भर में भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा की धमकी वाले पोस्टर भी लगाए गए हैं.”
इस बात पर जोर देते हुए कि हिंसा का जश्न और महिमामंडन किसी भी सभ्य समाज का हिस्सा नहीं होना चाहिए, विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने यह स्पष्ट किया कि लोकतांत्रिक देश “जो कानून के शासन का सम्मान करते हैं” को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर कट्टरपंथी तत्वों द्वारा धमकी की अनुमति नहीं देनी चाहिए.
उन्होंने कहा, “हम कनाडा में अपने राजनयिक प्रतिनिधियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और उम्मीद करते हैं कि कनाडा सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि वे बिना किसी डर के अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में सक्षम हों.”
जयसवाल ने बयान में कहा, “हम फिर से कनाडा सरकार से आपराधिक और अलगाववादी तत्वों को कनाडा में सुरक्षित आश्रय और राजनीतिक स्थान प्रदान करना बंद करने का आह्वान करते हैं.”
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