देश में अप्रेन्टिसों का आंकड़ा बढ़कर 9,31,406 पहुंचा

नई दिल्‍ली, 3 मई . पिछले कुछ सालों में देश में अप्रेन्टिसों (एनएपीएस) के नामांकन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. वित्तीय वर्ष 2018-19 में नामांकित अप्रेन्टिसों की कुल संख्या 35,333 थी. हालांकि, चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा बढ़कर 9,31,406 हो गया है.

केंद्रीय कौशल विकास मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन का कहना है कि पांच साल की अवधि में यह वृद्धि दर 74.76 प्रतिशत रही है.

पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 की तुलना में चालू वर्ष के नामांकन में साल-दर-साल 26.08 प्रतिशत की पर्याप्त वृद्धि है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में पंजीकृत अप्रेन्टिसों की कुल संख्या 7,38,704 थी, जबकि चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा 9,31,406 तक पहुंच गया है.

यह उछाल जिन राज्यों में आया है, उनमें महाराष्ट्र (263,239), तमिलनाडु (101,519), गुजरात (83,611), कर्नाटक (78,497), और उत्तर प्रदेश (71,378) जैसे राज्य अग्रणी हैं. एनएपीएस पहल में एक ओर व्यवसायों के भीतर विकास और इनोवेशन को बढ़ावा दिया गया है, तो, दूसरी ओर महत्वाकांक्षी प्रोफेशनल्स के लिए ऑन-द-जॉब प्रैक्टिकल ट्रेनिंग और अनेक अवसर दिए हैं.

नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएसडीसी) के मुताबिक इस योजना से जुड़ी एक गृहिणी, रंजना ने लैब-टेक्नोलॉजी में अप्रेन्टिसशिप शुरू की. रंजना को न केवल अप्रेन्टिसशिप ट्रेनिंग के बाद रोजगार मिला, बल्कि वह अपने परिवार के लिए कमाने वाली मुख्य सदस्य भी बन गईं.

इसी तरह उत्तर प्रदेश की एक साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले विशाल ने अप्रेन्टिसशिप के एक अवसर का लाभ उठाया. आर्थिक बाधाओं के बावजूद, असेंबली लाइन ऑपरेटर के रूप में विशाल की विशेषज्ञता ने उन्हें गरीबी के चक्र को तोड़ने में मदद की.

उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से लेकर औरंगाबाद स्थित ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग कंपनी में ऑटोमोटिव सीएनसी मशीनिंग टेकनीशियन बनने तक शिवम की यात्रा एनएपीएस के परिवर्तनकारी प्रभाव का एक और प्रमाण है. अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता का सामना करते हुए, शिवम ने राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) के माध्यम से एक ऑटोमोटिव कोर्स में दाखिला लिया था.

जीसीबी/एकेएस