बर्लिन, 24 अप्रैल ( /डीपीए). ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक पदभार संभालने के 18 महीने बाद बुधवार को पहली बार बर्लिन जाएंगे.
अपने जर्मन समकक्ष ओलाफ स्कोल्ज के साथ उनकी बैठक यूक्रेन के लिए सैन्य सहायता और गाजा में युद्ध पर केंद्रित होगी. इसके साथ ही रवांडा के साथ विवादास्पदब्रिटिश शरण संधि पर भी चर्चा होने की संभावना है जिसे ब्रिटिश संसद ने मंगलवार को मंजूरी दी थी.
ब्रिटेन चार साल से अधिक समय से यूरोपीय संघ का सदस्य नहीं है, लेकिन फिर भी यह नाटो जी7 और जी20 में जर्मनी के सबसे महत्वपूर्ण सहयोगियों में से एक है. यह देश यूक्रेन का सबसे महत्वपूर्ण यूरोपीय हथियार आपूर्तिकर्ता है और इसने हाल ही में बड़ी मात्रा में नई सैन्य सहायता देने का वादा किया है.
जर्मनी में ब्रिटिश शरण संधि ने काफी ध्यान आकर्षित किया है और इसकी आलोचना भी हुई है. वैध कागजात के बिना ब्रिटेन पहुंचने वाले, शरण चाहने वालों को भविष्य में तुरंत पूर्वी अफ्रीकी देश में निर्वासित किया जा सकता है और वे वहां शरण के लिए आवेदन कर सकते हैं.
जर्मनी में विपक्ष की ओर से शरण प्रक्रियाओं को यूरोपीय संघ के बाहर के देशों में स्थानांतरित करने की भी मांग की जा रही है.
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