नई दिल्ली, 23 अप्रैल . कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने से खास बातचीत करते हुए अपनी पार्टी के नेताओं द्वारा पार्टी छोड़ने पर चिंता जाहिर की. उन्होंने पार्टी के आलाकमान को विचार करने का सुझाव दिया.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से नेता पार्टी का साथ छोड़कर जा रहे हैं, यह एक गंभीर मामला है. इस पर कांग्रेस हाईकमान को विचार करना चाहिए. किसी भी राजनीतिक दल के अंदर छोटा सा वर्कर भी छोड़कर जाता है, तो इसका असर पार्टी पर पड़ता है. कांग्रेस के बड़े नेता जो पार्टी छोड़कर चल गए हैं, उस पर विचार करने की जरूरत है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?
राशिद अल्वी ने इसके साथ से खास बातचीत में कहा कि राम मंदिर पर कांग्रेस पार्टी में विचारों को लेकर मतभेद था, मैं इस बात से सहमत नहीं हूं. कांग्रेस पार्टी के किसी भी नेता ने राम मंदिर और सनातन धर्म के खिलाफ कभी बयान नहीं दिया.
राशिद अल्वी ने आगे कहा कि कांग्रेस को सबका साथ देना चाहिए. मैं इस बात के खिलाफ हूं कि ओबीसी, उच्च जाति, हिंदू-मुस्लिम करके देश को क्यों बांटना चाहते हैं. सारे देश को साथ लेकर चलना चाहिए. ये काम सिर्फ कांग्रेस पार्टी को ही नहीं, मैं भाजपा को सलाह देना चाहता हूं कि अगर देश को मजबूत करना है तो सबको साथ लेकर चलना होगा.
बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के बड़े नेता पार्टी का साथ छोड़कर भाजपा या फिर दूसरे दलों में शामिल हो गए.
पार्टी छोड़ने वाले नेताओं में रोहन गुप्ता, गौरव वल्लभ, अशोक चव्हाण, बॉक्सर बिजेंद्र सिंह, अर्जुन मोढवाडिया, मिलिंद देवड़ा, नवीन जिंदल, बाबा सिद्धिकी, गीता कोड़ा जैसे कई बड़े नाम शामिल हैं.
इन सभी नेताओं ने कांग्रेस छोड़ने की वजह पार्टी आलाकमान का व्यवहार और कांग्रेस की कार्यप्रणाली को बताया था. इसके साथ ही पार्टी के कई ऐसे नेता भी थे, जिन्होंने नेताओं द्वारा सनातन के खिलाफ बयान देने या गठबंधन के दलों के सनातन के खिलाफ बयान पर चुप्पी साधने को भी पार्टी छोड़ने की मुख्य वजह बताया था.
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एसके/एबीएम